जशोदाबेन को देखते ही ममता बनर्जी उनकी ओर दौड़ पड़ीं और बातचीत के बाद साड़ी भेंट की। लोकसभा चुनावों के दौरान अक्षय कुमार को दिए इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने जिक्र किया था ममता बनर्जी उन्हें हर साल कुर्ते और मिठाइयॉं भेजा करती हैं।
हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। कई लोग जख्मी हो गए। पूरा इलाका घंटो तक हिंसक माहौल की चपेट में रहा। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।
लोक अभियोजक राधा कांत मुखर्जी ने ममता बनर्जी के अदालत में आने से मना करने के बाद अदालत को सूचित किया कि जज अब अपने स्वविवेक के अनुसार मामले को चलाते रहने या बंद करने पर निर्णय ले सकते हैं। लेकिन मुखर्जी ने साथ ही जस्टिस सतपति से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत को ध्यान में रखने की भी गुज़ारिश की थी।
बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख देने की घोषणा की। उन्होंने गंभीर रूप से घायलों को 1-1 लाख और अन्य घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए देने की बात कही।
चिनसुरा नगरपालिका के अध्यक्ष के अध्यक्ष गौरीकान्त मुखर्जी उक्त स्कूल की मैनेजिंग कमिटी के भी अध्यक्ष हैं। स्कूल में मिड डे मील के लिए रखा 257 किलो चावल गायब हो गया है। 5000 अंडे ख़रीदे गए लेकिन छात्रों को एक भी अंडा नहीं मिला।
"हम बहुत डरे हुए हैं, यदि हमारे सामने कोई दिक्कत आती है तो क्या आप हमारे साथ खड़ी होंगी? उधर से फोन पर उन्होंने यह कहा लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं उनके साथ नहीं खड़ी हो सकी। भले ही शारीरिक रूप से नहीं लेकिन मानसिक रूप से हम उनके साथ हैं।"
तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह दुर्गा पूजा समितियों जैसे स्थानीय संगठनों को भाजपा के लिए काम करने पर मजबूर करना चाहती है, इसीलिए उन्हें दबाने की कोशिश हो रही है।
ममता बनर्जी ने कहावत सुनी होगी कि जान है तो जहान है। अगर ईमानदारी से काम करने वाला पत्रकार ज़िंदा ही नहीं बचेगा तो ममता बनर्जी बताएँ कि उनकी ऐसी पेंशन किस काम की है?
टीएमसी छात्र संगठन से जुड़े छात्र अन्य छात्रों से 'ममता बनर्जी जिंदाबाद' का नारा लगाने को कह रहे थे, लेकिन जब दूसरे छात्रों ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने एक सीनियर छात्रा से मारपीट की। जब प्रोफेसर सुबरता चट्टोपाध्याय छात्रों को टीएमसी के छात्र संघ से बचाने के लिए बीच में आए तो टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनपर भी हमला कर दिया।
अभिषेक ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दाखिल एफिडिवेट में बताया है कि उन्होंने एमबीए की डिग्री इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग ऐंड मैनेजमेंट (IIPM) से 2009 में हासिल की थी। सार्थक का आरोप है कि यह डिग्री फर्जी है। अभिषेक पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर सीट से सांसद हैं।