नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद ममता बनर्जी का नीति आयोग की कमियों पर ध्यान गया और उन्होंने तीन पेज की चिट्ठी लिखकर नीति आयोग को लेकर कई सवाल उठाए हैं। 15 जून को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक होनी है, जिसमें केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के सदस्य और केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की ये पहली बैठक है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल से बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के आवास पर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है, जिन पर जय श्री राम लिखा होगा।
कोलकाता के एक न्यूज़ चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन करते हुए पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कॉन्ग्रेस के कुछ नेताओं को रिश्वत लेते हुए कैमरे पर पकड़ा था। कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की भी आलोचना की थी।
बृहस्पतिवार शाम को ममता बनर्जी नैहाटी में आयोजित होने वाले धरना प्रदर्शन में भाग लेने जा रही थी। रास्ते में रिलायंस जूट मिल के सामने कुछ लोगों ने ममता बनर्जी के काफिले के सामने जय श्री राम का नारा लगाया।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने देशवासियों को चौंकाया है। सभी पूर्वग्रह और अपेक्षाओं को झूठा साबित करते हुए, भाजपा ने पश्चिम बंगाल राज्य में 40.25% वोट-शेयर हासिल किया, जबकि वाम दल दहाई अंक के वोट-शेयर तक पहुँचने में भी नाकाम रहे।
कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक मनिरुल इस्लाम ने बीजेपी जॉइन कर ली है। इसके अलावा टीएमसी नेता गदाधर हाज़रा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमाई दास ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।
ममता बनर्जी इस बात से नाराज हैं पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान मौत के घाट उतार दिए जाने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार वालों को आमंत्रित किया गया है। ममता का कहना है कि ये राजनीतिक हत्या नहीं है, बल्कि आपसी रंजिशों के मामले हैं।
सुभ्रांशु रॉय के अलावा नोआपारा से विधायक सुनील सिंह और बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्ता मुकुल रॉय के साथ दिल्ली पहुँच चुके हैं। इन तीनों नेताओं के आज शाम 4 बजे बीजेपी दफ्तर में पार्टी में शामिल होने की खबर है।
ममता बनर्जी और विपक्ष के अन्य नेताओं का EVM खटराग नया नहीं है। विपक्षी नेता इसे लेकर निर्वाचन आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए थे, लेकिन हर जगह उन्हें मुँह की ही खानी पड़ी।