BBC ने जब इस खबर को सोशल मीडिया पर शेयर किया तो उसकी हेडिंग, "असम: पुलिस ‘पिटाई’ से मुसलमान महिला का गर्भपात" रखी, जबकि वेबसाइट पर इसी ख़बर की हेडिंग थी - "असम: पुलिस ‘पिटाई’ से महिला का गर्भपात"। सोशल मीडिया पर शेयरिंग के दौरान हेडिंग में 'मुसलमान' शब्द जोड़ना बीबीसी की नीयत को साफ़ कर देता है।
फुरकान ने विवादस्पद और घृणा भरे ट्वीट में लिखा था कि अगर भारतीयों ने हिंदुत्व छोड़ दिया तो उनकी अधिकतर समस्याएँ ख़त्म हो जाएँगी। साथ ही उन्होंने हिन्दुओं को गोमूत्र पीने वाला और गोबर की पूजा करने वाला बताया था।
यासीन मलिक पर मुकदमा खुल चुका है, 84 के दंगों पर दोबारा केस खुला है, नेशनल हेराल्ड केस है, चिदंबरम हैं, अगस्ता-वेस्टलैंड है, रामजन्मभूमि है, एनडीटीवी का प्रणय रॉय है, क्विंट का राघव बहल है, 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट ने देखने का वादा किया है, अर्बन नक्सलियों पर मामले चल रहे हैं…
भारतीय राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह एक अराजकतावादी प्रावधान था, जिससे अर्थव्यवस्था का दम घुट रहा था और पाकिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा था।
यह ब्रह्मांड का पहला पुरस्कार है, जो जीतने वाले को उस चीज के लिए मिला है, जिसको वो गलत ठहराता और झूठ कहता रहा। देश में असहिष्णुता है, डर का माहौल है और अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है, ऐसा कहने वाले रवीश जी को अपनी अभिव्यक्ति के लिए ही पुरस्कार मिल गया।
चंद्रयान-2 की 'विफलता' की खबरों से उत्साहित लेफ्ट-लिबरल वर्ग की खुशियाँ ज्यादा देर तक नहीं बनी रह सकी क्योंकि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इसरो वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाने वाला वीडियो लोकप्रिय होने लगा। इसके बाद शुरू हुआ इस देश के लेफ्ट लिबरल्स का प्रलाप और प्रपंच।
एनडीटीवी के मालिक ने कॉन्ग्रेस की नेहरू विरासत को चुनौती देते हुए अपने पत्रकार का बचाव किया। उन्होंने लिखा कि पल्लव ने इसरो के लिए काफ़ी कुछ किया है, उन्होंने भारत में विज्ञान के लिए काफ़ी कुछ किया है।
पिछले पाँच सालों में रवीश की पूरी पत्रकारिता, सेलेक्टिव रही है। यह कह कर उन्माद फैलाने की कला सिर्फ रवीश को आती है कि जिसमें बार-बार एक समुदाय को कहा जाता है कि 'डर का माहौल है', हिन्दू तुम्हें लिंच कर रहे हैं, संभल कर रहो। भारत की स्थिति सोमालिया या नॉर्थ कोरिया से भी बदतर बताने में ये आदमी लायडिटेक्टर मशीन को भी धोखा दे देगा।
आपने इसीलिए रंजीत का नाम नहीं सुना क्योंकि उसकी मॉब लिंचिंग को लेकर किसी ने आवाज़ ही नहीं उठाई। क्यों नहीं उठाई? क्योंकि आरोपितों में मुस्लिम लोग शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों में से 2 के नाम अनवर और मिंटू है, जो भाई हैं। लोगों को यह भी बताना पड़ेगा न।
बीबीसी का वुसतुल्लाह ख़ान विश्व की सबसे बड़ी लोकतान्त्रिक पार्टी के मुखिया की तुलना 5 लाख लोगों के क़ातिल 'युगांडा के कसाई' से करता है। घृणा से ओत-प्रोत बीबीसी यह सपना देख रहा है कि सभी देश प्रवासी भारतीयों को भगा दें। लेकिन, ऐसा हो सकता है क्या?