राज्य में NEET न आयोजित करने के फैसले के बाद तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS की डिग्री के लिए 12वीं के मार्क्स के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा।
इस बीमारी में ऐसा नहीं होता कि मरीज दिन या रात को सोए बल्कि सेकंडरी या एक्सिस हायपरसोम्निया का मरीज कई-कई दिनों तक सोता ही रहता है, जैसा कि पुरखाराम के मामले में दिखाई दिया।