“जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोई” इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया कर दिखाया है अहमदाबाद में जन्मी नन्ही सी जान जिआना ने। जिआना का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है और इस बात को डॉक्टर भी मान रहे हैं।
दरअसल अहमदाबाद में जन्मी इस बच्ची को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया था। यहाँ एक बच्ची का जन्म 22 हफ्ते के बाद ही हो गया। जिसका वजन महज 492 ग्राम और लंबाई 500 एमएल दूध के पाउच जितनी थी। इस बच्ची के साथ इसके जुड़वा भाई का भी जन्म हुआ था। जिसका वजन 530 ग्राम था।
इन दोनों बच्चों के जन्म लेते ही डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई दवा या इलाज नहीं है जिससे इन प्री मैच्योर बच्चों को बचाया जा सके। मगर बच्चों के माता- पिता ने डॉक्टर से निवेदन किया कि उनके बच्चे बचेंगे या नहीं, ये तो उनकी किस्मत में है। मगर उनके बच्चों का इलाज किया जाए। जिसके बाद डॉक्टरों ने नवजातों का इलाज शुरू किया। दोनों बच्चों को एनआईसीयू में रखा गया, जहाँ बच्ची के भाई ने तो 102 दिन बाद दम तोड़ दिया, लेकिन बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।
बच्ची का इलाज करने वाले डॉ. आशीष मेहता ने बताया कि इंडियन कलैबरेटिव में जो आँकड़े मौजूद हैं, उसके अनुसार जिआना सबसे कम उम्र और सबसे छोटी ऐसी बच्ची है, जो जिंदा है। इससे पहले भारत के इस रिकॉर्ड में मुंबई के एक बच्चे का नाम था, जिसका जन्म 22 हफ्ते में हुआ था। हालाँकि उसका वजन 620 ग्राम था। वहीं हैदराबाद की एक बच्ची ने 25 हफ्ते में जन्म लिया था, जो कि 375 ग्राम की थी।
बच्ची की माँ दीनल ने कहा कि उनकी बेटी का बचना मुश्किल था लेकिन उन्हें भगवान पर पूरा भरोसा था। दीनल कहती हैं कि इससे पहले वो दो बार माँ बनने से वंचित रह गई थी। वो जानती थीं कि इस बार अगर उनके गर्भ से बच्चों का जन्म होगा तो उन्हें मातृत्व का सुख अवश्य मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी का नाम जिआना रखा है, जिसका अर्थ होता है- ईश्वर का कृपा पूर्ण जीवन।