इस मामले में पुलिस ने 13 मुकदमें दर्ज कर क़रीब 148 उपद्रवियों को नामजद किया और 500 से अधिक लोग अज्ञात हैं। पुलिस ने दंगे में शामिल उपद्रवियों की फोटो और वीडियो के आधार पर उनकी पहचान की है। साथ ही दंगाइयों के पोस्टर्स भी शहर भर में लगाए गए हैं।
अब स्थिति सामान्य है। लेकिन गाँव वाले फ्लैगमार्च निकालकर अपना विरोध दिखा रहे हैं। मामले के संबंध में 3 युवकों को गिरफ्तार किया गया है। मगर रिपोर्ट अभी किसी के ख़िलाफ़ दर्ज नहीं हुई हैं
"सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए। अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफ़सोस है कि भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान ज़िंदाबाद बोलने वाले गद्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यों कहा।"
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि वीडियो 20 दिसंबर का है। उन्होंने कहा कि इसको अब वायरल किया जाना बताता है कि कुछ लोग साजिश रच रहे हैं ताकि हालात सामान्य न हो सके।
पुलिस ने वीडियो जारी करते हुए बताया कि उन्हें दिसंबर 19 से दिसंबर 21 के बीच हुई हिंसा में इस तरह के हमले झेलने पड़े और इसी कारण उन्हें दंगाईयों को पलटकर जवाब देना पड़ा।
पीड़िता का मेडिकल करवा कर आरोपितों को पॉक्सो एक्ट के तहत नामजद किया गया है। नाबालिग लड़की जिस जगह मिट्टी लेने गई थी, वह उसके घर से महज 300 मीटर दूर है। लौटते वक्त वह दादी के पीछे-पीछे चल रही थी। तभी आरोपितों ने अचानक से उसका मुॅंह कपड़े से दबा कर...
अवैध असलाह बनाने का सारा सामान हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर और किठौर से ख़रीदा जाता था। असलाह तैयार होने के बाद हापुड़, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, अमरोहा, गजरौला, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ, सहारनपुर आदि जिलों में सप्लाई की जाती थी।
"सलाउद्दीन कुरैशी और आशिक इलाही पक्ष में बच्चों के विवाद से तनातनी हुई थी। हालाँकि, उस समय समझौता हो गया था, लेकिन रात 10 बजे पूर्व सांसद के भाई राशिद अखलाक, बेटा साकिब, भतीजा यासीर, सलाउद्दीन और नौशाद ने आशिक की दुकान पर जाकर मारपीट की और तोड़फोड़ करने लगे।
सिखोड़ा से दो भैंसों की चोरी के मामले में अकरम भाटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उस पर पहले भी लोगों के पैसे नहीं लौटाने के आरोप लगते रहे हैं। बवाल के बाद अकरम और और उसके बाप असलम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
मेरठ में शांति मार्च की आड़ में जो बवाल हुआ था, हाजी सईद उसका भी सह-अभियुक्त है। हाजी सईद और बदर अली ने मिलकर शांति मार्च के बहाने बवाल कराया था। कुल मिलाकर हाजी सईद पर सदर बाजार थाने में 5, कोतवाली में 1, रेलवे रोड में 2 और देहली गेट थाने में 1 मुकदमा दर्ज।