असम के मुख्यमंत्री नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं। उनके और साथ ही अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए यह अवसर है कि दशकों से चल रहे आंतरिक सीमा विवाद का हल निकालने की दिशा में तेज़ी से कदम उठाएँ।
मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में शुक्रवार को 20 से 24 वर्ष के उम्र के 6 लड़कों पर लगभग 20 लोगों के एक समूह ने हमला किया, जो लोहे की छड़ और लाठी, बाँस आदि से लैस थे।
बांग्लादेशियों द्वारा BSF के जवानों को निशाना बनाने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में तो बांग्लादेशियों ने एक जवान के हाथ पर बम फोड़ दिया था, जिससे अनीसुर रहमान नामक बीएसएफ जवान का हाथ कोहनी से फटकर ही नीचे गिर गया था।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के मुताबिक इस संगठन की गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने की ज़रूरत है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इस संगठन को हथियारबंद होकर पैर-पसारते देर नहीं लगेगी।
छात्र संघ ने निदेशक को चेतावनी दी थी कि एनआईटी मेघालय में भगवान गणेश की मूर्ति को मुख्य रूप से परिसर में स्थापित करने के फैसले से ईसाई बहुमत वाले राज्य में ‘सांप्रदायिक तनाव’ पैदा हो सकता है।
जबकि भाजपा नागरिकता बिल को पारित करके असम व दूसरे राज्यों में रहने वाले बाहरी लोगों को देश से बाहर निकालना चाहती ताकि नॉर्थ ईस्ट के मूल नागरिकों को किसी तरह से कोई समस्या न हो।