TMC के अलावा राशिद अल्वी, पीएल पुनिया जैसे कॉन्ग्रेसी और सीपीआई के नेताओं ने भी धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का हवाला देते हुए भूमि पूजन के फैसले की आलोचना की है।
हैरान होने वाली बात तो है कि आखिर एक साल में बीकेयू इतना बड़ा यूटर्न कैसे ले सकती है। वह लगातार कृषि क्षेत्र में किसानों के हित के लिए बिचौलियों को हटाना चाहते थे।
MSP हट जाएगा? APMC की शक्तियाँ ख़त्म हो जाएँगी? किसानों को फसल का नुकसान होगा? व्यापारियों की चाँदी होगी? कॉन्ट्रैक्ट कर के किसान फँस जाएँगे? जानिए सारी सच्चाई।
मीटिंग 3 दिसंबर को तय की गई है और हम तब तक यहीं पर रहने वाले हैं। अगर उस मीटिंग में कुछ हल नहीं निकला तो बैरिकेड तो क्या हम तो इनको (शासन प्रशासन) ऐसे ही मिटा देंगे।