आर्टिकल 370 हटाए जाने के वक्त कॉन्ग्रेस ने सीमा पार के प्रोपेगेंडा में जैसे सुर मिलाया था, वैसा ही चीन को लेकर भी कर रही। एक बार फिर उसके इस एजेंडे की राह में मोदी-शाह हैं।
'मौत का सौदागर' से लेकर 'दिल्ली में मोदी की माँ-बहन हो जाएगी' तक कॉन्ग्रेस के संस्कार में रत्ती भर फर्क नहीं आया है। ये ढीठ ऐसे हैं कि जाकिर कह रहा कि उसने मजाक में देश तोड़ने की बात कही थी।
विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उन दावों खारिज़ कर दिया है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि भारत-चीन के मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और वह दोनों देशों के बीच बड़े टकराव को लेकर अच्छे मूड में नहीं हैं।
द प्रिंट ने तर्कों की चाशनी में लपेटकर एक लेख प्रकाशित किया है। इसका लब्बोलुबाब यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष फेक न्यूज फैलाए।
सोशल मीडिया समेत ऑपइंडिया के भी कुछ सुझाव हैं कि आने वाले समय में 'नौ बजे नौ मिनट' के नाम पर कैसी दर्द भरी कहानियाँ आ सकती हैं। हमने ये सुझाव वामपंथियों की कम होती क्रिएटिविटी के कारण उन पर तरस खाकर दिए हैं।