मीडिया गिरोह या अधिकांश विरोधियों की टिप्पणी ऐसे छद्म विशेषज्ञों की बेवकूफी का प्रमाण है। बादल विभिन्न तरीकों से रडार प्रणाली के कई पहलुओं को प्रभावित करते हैं और एक कुत्ते के साथ एक तस्वीर को ट्वीट करने से तथ्य बदलने वाला नहीं है।
मणिशंकर अय्यर ने एक लेख में मोदी की रैलियों और उनके बयानों का हवाला देते हुए कहा, "याद है 2017 में मैंने मोदी को क्या कहा था?" अपने लेख में अय्यर ने पूछा कि क्या उनकी भविष्यवाणी सही नहीं थी?
"वो दूसरों की पत्नियों व बहनों की इज़्ज़त कैसे कर सकते हैं, जब उन्होंने राजनीतिक फ़ायदे के लिए ख़ुद की ही पत्नी को छोड़ दिया। मुझे तो यह भी पता चला है कि भाजपा में ख़ासकर विवाहित महिलाएँ अपने पतियों को पीएम मोदी के नजदीक जाते देख कर यह सोचते हुए काफ़ी घबराई रहती हैं।"
थ्रेड में ट्रोल करने वाले अधम प्रकार के विस्तारवादी ट्रोल होते हैं। मध्यम कोटि के ट्रोल एक ट्वीट में चेतना शून्य कर देते हैं। उत्तम कोटि के ट्रोल एक वाक्य में ही अचेत कर देते हैं और सर्वोत्तम ट्रोल एक शब्द लिखकर ही नासिका लाल कर कर्णछिद्रों से धूम्र-वाष्प निष्कासन की प्रक्रिया का सूत्रपात कर देते हैं।
“मोदी की छवि दिल्ली के खान मार्किट गैंग ने नहीं बनाई है... 45 साल की मोदी की तपस्या ने बनाई है। अच्छी है या बुरी, इसे आप नष्ट नहीं कर सकते। एक आदमी की छवि पर चोर-चोर-चोर-चोर-चोर के सहारे चोट किया जा रहा है, आपको उस पर कोई आपत्ति नहीं है!”
"वो बम-बंदूक लेकर सामने खड़ा है, क्या वहाँ मेरा जवान चुनाव आयोग की परमिशन लेने जाए कि मैं इसके गोली मारूँ या ना मारूँ? कश्मीर में जब से हम आए हैं, हर दूसरे-तीसरे दिन सफ़ाई होती रहती है। ये सफाई अभियान मेरा काम है भाई।"
रवीश कुमार को राहुल गाँधी के साथ, जेठ की दुपहरिया में खुले आसमान के नीचे इंटरव्यू करते हुए देखा तो ख्याल आ गया कि यह बंदा इश्क में फलाना-ढिमकाना हो जाना लिखता है, लेकिन असल जिन्दगी में बेइन्तिहाँ नफरत और कुंठा ढोता है।
दर्शन के उपरांत पत्रकारों ने उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री और उनके ससुर राजीव गाँधी पर लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा। इस पर वाड्रा जवाब देते हुए कहा कि मंदिर में राजनीतिक बातें नहीं की जानी चाहिए
जो मीडिया और क्रांतिजीव 5 साल तक मोदी की विदेश यात्राओं का लेखा-जोखा करते रहे, उन्हें नेहरू से लेकर राजीव गाँधी के भ्रमणों से रूबरू होना चाहिए, ताकि वो उसकी समीक्षा कर के बता सकें कि मिस्ट्रेसीकरण और ससुरालीकरण उनकी किसी विदेश नीति का हिस्सा थे?