जलगाँव के पूर्व नगर आयुक्त प्रवीण गेडाम ने फरवरी 2006 में इस संबंध में शिकायत दर्ज की थी। जलगाँव के बाहरी इलाके में बनाए जाने वाले 5,000 घरों में से केवल 1,500 घरों का ही निर्माण पूरा हो पाया था। फैसला सुनाने के बाद सभी आरोपितों को हिरासत में ले लिया गया।
कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार के दौरान अजित पवार 10 नवम्बर 2010 से 26 सितम्बर 2014 तक उप मुख्यमंत्री रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि अन्य आरोपियों में पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी के नेता जयंत पाटिल और राज्य के 34 जिलों में बैंक इकाई के अधिकारी शामिल हैं।
पवार ने कहा, "राणे ने कॉन्ग्रेस में शामिल होने का फैसला इसलिए किया क्योंकि पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था। राणे को लगा कि कॉन्ग्रेस वादा पूरा करेगी। मेरे जैसे नेताओं को पता है कि ऐसे वादे केवल फायदे के लिए होते हैं। मैंने कॉन्ग्रेस में लंबा वक्त बिताया है।"
कॉन्ग्रेस के एक और एनसीपी के तीन विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा। इनमें कॉन्ग्रेस के विधायक कालिदास कोलाम्बकर, NCP के विधायक शिवेन्द्र राजे भोसले, वैभव पिचाड और संदीप नाइक शामिल हैं। चारों ने स्पीकर हरिभाऊ बागड़े से मुलाकात कर अलग-अलग इस्तीफा सौंपा।
NCP में इस्तीफ़ों का दौर भी जारी है। 26 जुलाई को पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने पार्टी के अंधकारमय भविष्य को देखते हुए इस्तीफ़ा दिया था। वहीं, पार्टी के मुंबई प्रमुख सचिन अहीर ने पहले ही शिवसेना का दामन थाम लिया था।
इस मामले में गढ़चिरौली पुलिस ने टॉप नक्सली कमांडर नर्मदक्का और उसके पति किरण कुमार को गिरफ़्तार किया था। उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट और उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने दिलीप हिदामी, परसाराम तुलवी, सोमनाथ मडावी, किसान हिडामी और सुक्रु गोटा को भी गिरफ़्तार किया।
30 मई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित हुए शपथ-ग्रहण समारोह में NCP नेता शरद पवार इस नाराजगी के चलते शामिल नहीं हुए थे क्योंकि उन्हें लगा था कि समारोह में उन्हें पाँचवीं पंक्ति में सीट दी गई है। जबकि उनकी सीट V-सेक्शन मतलब VVIP सेक्शन में थी।
एनसीपी नेता ने बताया है कि शिकायत का समाधान करने की बजाय विधायक और उसके सहयोगियों ने उनके साथ बदतमीजी की और बीच सड़क पर गिराकर उन्हें खूब पीटा। उन्हें लात, घूसे, थप्पड़ मारे गए।
दीपक तलवार को भारतीय कम्पनी को नुकसान पहुँचाने के लिए ₹272 करोड़ रुपए मिले थे। उसके ख़िलाफ़ ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग जाँच कर रहा है। जाँच एजेंसी ने कहा कि उसके पास प्रफुल्ल पटेल और दीपक तलवार के बीच ईमेल से हुई बातचीत के सबूत हैं।
हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए राहुल शेवाले ने यह कहते हुए सुले को शांत करना जारी रखा कि उन्होंने सुले या उनके पिता शरद पवार के बारे में कोई अपमानजनक बातें नहीं की हैं।