वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि अब तक 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 3376 इंडस्ट्रियल पार्क्स चिह्नित किए गए हैं। कोयला खनन में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को बल दिया जाएगा।
किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाल दी जाएगी, इससे 8.69 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। मनरेगा के तहत मजदूरी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की गई। 3 करोड़ सीनियर सिटीजंस, विधवाओं, दिव्यांगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी का फायदा मिलेगा।
निर्मला सीतारमण ने लोगों को राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख (2018-19) को बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया है। पहले इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च थी। इसके बाद जमा करने पर 10% जुर्माना था। अब रिटर्न की देरी पर 12% की जगह 9% चार्ज लगेगा। इसके साथ ही आधार-लिंक पैन की आखिरी तारीख को 30 जून 2020 तक किया गया। यह भी पहले 31 मार्च तक थी।
स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न नहीं होने के कारण यह राशि जारी करने पर रोक लगी हुई थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मोदी सरकार चाहती है कि स्थानीय प्रशासन के पास धन की कमी नहीं रहनी चाहिए।
'दी प्रिंट' की इस खबर में बताया गया था कि वित्त मंत्री ने मुंबई के उद्योगपतियों का अपमान किया है। इसके बाद वित्त मंत्री के व्यवहार पर ज्ञान देते हुए दी प्रिंट ने लिखा है कि निर्मला सीतारमण लोगों की खिंचाई करने के लिए जानी जाती हैं, खासतौर पर जब वो किसी मुद्दे पर हाशिए पर हों।
मैं इस बजट को सांप्रदायिक मानता हूँ। यकीन मानिए आज इस बजट के दौरान गाँधी जी होते तो इसे पास नहीं होने देते। बजट तो हर साल आता है, जाता है, लेकिन अल्पसंख्यक के मुद्दे पर सभी चुप्पी साध लेते हैं। अंत में सवाल यही कि क्या इस बजट के पैसे से गरीब का पेट भर जाता है?