Saturday, July 27, 2024
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मेहुल चौकसी लोन मामला: निर्मला सीतारमण ने राहुल गाँधी को समझाया ‘राइट ऑफ’ और ‘वेव ऑफ’ का फर्क

सीतारमण ने बताया कि किसी प्रकार का लोन माफ़ नहीं किया गया है, बल्कि बट्टे खाते में डाला गया है, जिसे 'राइट ऑफ' कहते हैं। जहाँ तक मेहुल चौकसी की बात है, वित्त मंत्री ने बताया कि उसकी 1,936 करोड़ रुपए की संपत्ति को अब तक अटैच किया जा चुका है। अब तक 597.75 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की जा चुकी है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेहुल चौकसी सहित कई अन्य लोगों का लोन ‘राइट ऑफ’ किए जाने के बाद कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा फैलाए गए प्रोपेगेंडा का एक के बाद एक ट्वीट कर जवाब दिया। उन्हें लोन राइट ऑफ करने और माफ़ करने के बीच का अंतर समझाया। वित्त मंत्री ने विजय माल्या से लेकर नीरव मोदी तक की बात करते हुए जानकारी दी कि अब तक उनके ख़िलाफ़ मोदी सरकार ने क्या-क्या क़दम उठाए हैं।

उन्होंने राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस को आत्मनिरीक्षण की सलाह देते हुए पूछा कि आखिर वो इस पूरे मामले को सनसनीखेज बनाते हुए सन्दर्भ से अलग हट कर क्यों पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस ने जनता को गुमराह करने का बेशर्मी भरा प्रयास किया है। उन्होंने यूपीए काल को याद करते हुए बताया कि 2009-10 और 2013-15 के बीच बैंकों ने 1,44,526 करोड़ रुपए का कर्ज ‘राइट ऑफ’ किया था।

निर्मला सीतारमण ने पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से पूछा कि क्या उन्होंने ‘राइट ऑफ’ के बारे में ट्वीट करने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मशविरा किया? सीतारमण ने बताया कि एनपीए के लिए आरबीआई के कुछ नियम हैं, जिसके तहत 4 साल का चक्र तय किया जाता है। ये पूरा हो जाने के बाद ही बैंक उसे ‘राइट ऑफ’ में डाल देता है, जिसे ‘वेव ऑफ’ नहीं कहा जा सकता।

सीतारमण ने बताया कि किसी प्रकार का लोन माफ़ नहीं किया गया है, बल्कि बट्टे खाते में डाला गया है, जिसे ‘राइट ऑफ’ कहते हैं। जहाँ तक मेहुल चौकसी की बात है, वित्त मंत्री ने बताया कि उसकी 1,936 करोड़ रुपए की संपत्ति को अब तक अटैच किया जा चुका है। अब तक 597.75 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की जा चुकी है। साथ ही उसके ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी की जा चुकी है।

लोन ‘राइट ऑफ’ किए जाने के बाद भी उधार लेने वाले से वसूली की कोशिश जारी रहती है, ऐसा केंद्रीय वित्त मंत्री ने समझाया। मेहुल चौकसी की जब्त की गई संपत्ति में से 67.9 करोड़ रुपए की विदेशी संपत्ति भी है। चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ में अर्जी भी भेजी जा चुकी है, जहाँ वह फ़िलहाल रह रहा है। साथ ही उसे भगोड़ा घोषित करने की भी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने विजय माल्या के बारे में भी जानकारी दी।

विजय माल्या की अब तक 8040 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। उसके 1693 करोड़ रुपए के शेयर जब्त भी किए जा चुके हैं। उसे भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है। इसके अलावा नीरव मोदी की भी 2387 करोड़ रुपए की संपत्ति को सरकार ने अटैच या सीज किया है। इसमें 961.47 करोड़ रुपए की विदेशी संपत्ति भी शामिल है। सीतारमण ने बताया कि वो फिलहाल यूके की एक जेल में है।

दरअसल, ये पूरा मामला एक आरटीआई अर्जी के जवाब के बाद शुरू हुआ। रिजर्व बैंक ने सितम्बर 2019 तक की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि देश के बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपए का कर्ज राइट ऑफ किया है, जिसे ‘लोन माफ़ कर दिया गया’ कह कर दुष्प्रचारित किया गया। निर्मला सीतारमण ने बताया कि मोदी सरकार ने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ एक्ट लाकर कर्ज न लौटाने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान किया।

उन्होंने बताया कि अब तक 3515 एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। उन्होंने पूछा कि राहुल गाँधी इस सिस्टम को बदलने में सहयोग करने में भी असफल क्यों रहे हैं? इस बारे में उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। सीतारमण ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस भ्रष्टाचार और क्रोनिज्म के इकोसिस्टम को ध्वस्त करने में न तो सत्ता में रहते हुए और न ही विपक्ष में रहते हुए कोई प्रतिबद्धता दिखा पा रही है।

बता दें कि RBI कर्ज को राईट-ऑफ़ करने का काम नहीं करता है, बल्कि बैंकों द्वारा NPA के लिए यह प्रावधान किया जाता है। ना ही RBI ऐसी संस्था है जो गैर-सरकारी और गैर-बैंक संस्थाओं को कर्ज देती है, इस प्रकार अधिकतर मीडिया रिपोर्ट्स प्रथम स्तर पर ही भ्रामक और गलत हैं। विलफुल डिफाल्टर उन कर्जदारों को कहते हैं जो सक्षम होने के बावजूद जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे होते हैं। लेकिन जब बैंक को इनसे दिया गया कर्ज वापस मिलने की उम्मीद नहीं रहती तो बैंक इनके कर्ज को ‘राइट ऑफ’ कर देते हैं यानी बट्टे खाते में डाल देते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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