पिछले महीने हुआ 1.1 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। निर्मला सीतारमण ने बजट अभिभाषण के दौरान बताया कि इस वित्तीय वर्ष 16 लाख नए करदाता भी जोड़े गए हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने सरकार को सलाह दी है कि मंद आर्थिक विकास दर को देखते हुए राजस्व घाटे से ज्यादा ग्रोथ पर ध्यान दिया जाए। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पीएमओ के साथ बैठक में विदेशी निवेशकों को लुभाने पर जोर देने की वकालत की।
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 से ही कई ऐसे क़दम उठाए हैं, जिनसे बाजार में सकारात्मकता आई है और उम्मीद बंधी है कि सत्ता अर्थव्यवस्था को ठीक करने की दिशा में पहल कर रही है। साफ़ है कि बजट इस क्रम में इन प्रयासों की अगली कड़ी होगा। ये सरकार की उन नीतियों को आगे लेकर जाएगा, जिन्हें सरकार ने गिरती आर्थिक विकास दर को संभालने के लिए आजमाया है।
"जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं, वे शरणार्थी शिविरों की बात क्यों नहीं कर रहे हैं। जो मानवाधिकार की बातें नहीं करते हैं वे ही सीएए के विरोध की बातें कर रहे हैं। शरणार्थी शिविरों को देखना अति कष्टदायी है। यह आँखों में आँसू ला देगा।"
इस सूची में भारत की 3 महिलाओं को जगह दी गई है। 23 महिला पहली बार सूची में आईं हैं। स्वतंत्र रूप से वित्त मंत्रालय का कार्यभार सॅंभालने वाली निर्मला सीतारमण पहली महिला हैं। वे रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं।
यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब अधीर होकर उन्होंने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले वह पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घुसपैठिया तक कह चुके हैं। संसद में पहले ही दिन एनआरसी का विरोध करते हुए उन्होंने कहा था कि मोदी और शाह दोनों खुद गुजरात से आकर दिल्ली में बस गए।
"बैंकों के फँसे कर्जों के संकट (एनपीए क्राइसिस) के बीज 2007-08 में पड़ गए थे। तब मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी की कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार सत्ता में थी। इस काल खंड में बहुत सारे खराब कर्ज बाँटे गए, आज इनकी साफ़-सफाई होना विकास के लिए ज़रूरी है।"
सीतारमण ने कहा कि राजन के समय में बैंक कर्जों में बहुत समस्याएँ थीं। राजन के ही RBI प्रमुख रहते भ्रष्ट नेताओं के फ़ोन कॉल से क़र्ज़ मिल जाया करते थे। बैंकों को उस दलदल से निकलने के लिए सरकार से पूँजी ले-ले कर काम चलाना पड़ रहा है।
"अमेरिका में हाउडी मोदी कार्यक्रम से पहले ये ऐलान किए गए हैं, यानी सट्टेबाजों को छूट देने की तैयारी है। आज़ादी के बाद हिन्दुस्तान सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है। हमारे पास संवेदनहीन सरकार और सकर्कस देखने के अलावा और कुछ उपलब्ध नहीं है।"
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड बनाया। सेंसेक्स में एक दिन में 1800 से ज्यादा अंकों की उछाल देखी गई। ऐसा इससे पहले करीब 10 साल पहले देखा गया था। निफ्टी 11 हजार के पार पहुॅंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हुआ है।