आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से पाकिस्तान को कुछ सूझ ही नहीं रहा है। वह ऐसे फैसले ले रहा है, जो आत्मघाती साबित हो रहे हैं। सिर्फ सामरिक ही नहीं, आर्थिक मोर्चे पर लिए फैसले भी पाकिस्तान को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
रूस का खुलकर साथ आना पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने में लगे भारत की कूटनीतिक जीत भी है। बता दें कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त कर विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया है।
नान-टमाटर के चढ़ते भाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और मरियम की गिरफ्तारी से जनता चिढ़ गई है। पाकिस्तानी अवाम और मीडिया के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि कश्मीर से ध्यान हटाने के लिए इमरान ने मरियम की गिरफ्तारी करवाई है।
जरदारी ने कहा, "हम ईस्ट पाकिस्तान की जंग हारे थे। मैं इस पर नहीं जाना चाहता। इसके बहुत से मसले हैं, लेकिन हमारा आधा अंग टूट चुका था। इसी तरह आज कश्मीर का हमारा आधा अंग टूट चुका है।"
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि यदि पाकिस्तान ने नई दिल्ली में अपना उच्चायोग बंद नहीं किया होता, तो उसके उच्चायुक्त को यहाँ से भागना पड़ता क्योंकि यहाँ काफी गुस्सा है और अब दोनों देशों के बीच कोई भावनात्मक जुड़ाव नहीं है।
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि ईस्टर्न और वेस्टर्न सीबोर्ड्स पर नेवी को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील स्थलों पर रडार की तैनाती की है और कड़ी नजर रखी जा रही है। पंजाब में बड़ी संख्या में जैश के कैम्प सीमा के नजदीक शिफ्ट करने की भी सूचना है।
तालिबान ने कश्मीर को अफ़ग़ानिस्तान से न जोड़ने की हिदायत दी है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ पक्षों द्वारा कश्मीर को अफ़ग़ानिस्तान से जोड़ कर देखना समस्या को खत्म नहीं करेगा, क्योंकि कश्मीर और अफ़ग़ानिस्तान अलग-अलग मसले हैं।
पाकिस्तान ने आर्टिकल 370 का प्रभाव जम्मू-कश्मीर से खत्म होने के बाद कहा था- "इस्लामाबाद भारत के इस अवैध फैसले का मुकाबला करने के लिए सभी संभावित विकल्पों का इस्तेमाल करेगा"
लेकिन....
वीडियो में तनवीर फ़ातिमा ने हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी, अलगाववादी नेता यासिन मलिक और मीर वाइज़ का नाम लेते हुए कहा है कि ये लोग बच्चों को गुमराह करते हैं। उन्हें आज़ादी के सपने दिखा पत्थरबाज़ी की राह पर ले जाते हैं।