विधेयक में कहा गया है कि दो बच्चा नीति को मानने वालों को प्रोत्साहित और नहीं मानने वालों को सुविधाओं से वंचित किया जाना चाहिए। एक ही बच्चे पर नसबंदी कराने वालों को सरकार की ओर से विशेष प्रोत्साहन देने की पैरवी की गई है।
राकेश सिन्हा ने जुलाई 2019 में जनसंख्या विनियमन विधेयक को एक निजी विधेयक के रूप में पेश किया था। वहीं वर्ष 2018 सितंबर माह में कॉन्ग्रेस के राजनेता जितिन प्रसाद ने भी जनसंख्या वृद्धि की जाँच के लिए एक कानून बनाने की माँग की थी।
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार को कहा था कि वो विभिन्न राज्यों की जनसंख्या नीति का अध्ययन कर रहे हैं और उन में से जो उनके लिए सबसे बेहतर होगी, उसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के लिए लेकर आएँगे।
"ऐसे कई लोग हैं, जो अपने परिवार को सीमित करना चाहते हैं। लेकिन उनमें जागरूकता की कमी है। यदि आप पूरे एक वर्ष में एक व्यक्ति को प्रेरित नहीं कर सकते तो यह आपकी कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। ऐसे में करदाताओं के पैसे को वेतन पर खर्च करने का क्या फायदा?"
“ना मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार हूँ और ना ही मेरी काबिलियत है। मैं राजनीति में विधायक या सांसद बनने नहीं आया था। 'जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है' और अयोध्या में राम मंदिर के सपने के साथ आया था। दोनों काम पूरा हो गया है।”
शरीफ ने बताया कि 1987 में जट्ट बेगम से उसका पहला निक़ाह हुआ तो उसकी उम्र 14 साल थी। पहली बीवी से उसके तीन बेटे और पाँच बेटियाँ हैं। नब्बे के दशक में उसने दूसरा निक़ाह किया। उससे चार बेटियाँ और एक बेटा है। 2000 में तीसरा निक़ाह किया।
जितिन प्रसाद ने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें जनसंख्या नियंत्रण जैसे गंभीर मुद्दे पर एकसाथ खड़े होना चाहिए। बता दें कि इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या का मुद्दा उठाया था।