Saturday, April 20, 2024
Homeराजनीतिजनसंख्या नियंत्रण पर योगी सरकार सख्त, दो से ज्यादा बच्चे वालों से छीन सकती...

जनसंख्या नियंत्रण पर योगी सरकार सख्त, दो से ज्यादा बच्चे वालों से छीन सकती हैं वेलफेयर योजनाएँ

"कई सारे राज्य विशेषकर राजस्थान और मध्य प्रदेश, जो हमसे आबादी में कहीं कमतर हैं, ने भी इस प्रकार की योजनाओं को लागू किया हुआ है जो ज्यादा बच्चों को जन्म देने को हतोत्साहित करती हैं। इन दोनों राज्यों में जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है...."

यूपी में बढ़ती जनसंख्या को थामने के लिए योगी सरकार आने वाले दिनों में कठोर कदम उठा सकती है। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी सरकार 2 बच्चों से ज्यादा होने पर दम्पत्ति को सरकारी समाज कल्याण स्कीमों से बाहर का रास्ता दिखाने के साथ-साथ उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने से भी रोकने का नियम बनाने पर विचार कर रही है।

खबर के अनुसार यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार (मार्च 04, 2020) को कहा था कि वो विभिन्न राज्यों की जनसंख्या नीति का अध्ययन कर रहे हैं और उन में से जो उनके लिए सबसे बेहतर होगी, उसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के लिए लेकर आएँगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया था कि जनसंख्या नीति के लिए ड्राफ्टिंग का काम एक विशेषज्ञ समूह को सौंपा गया है। यूपी में अंतिम बार जनसंख्या नीति वर्ष 2000 में बनाई गई थी। इस समूह के डॉ बद्री विशाल ने जनसंख्या के उत्तर-दक्षिण डिवाइड पर जोर डालते हुए बताया कि जहाँ उत्तर के राज्य इस जनसंख्या नियंत्रण के मामले में संघर्ष करते दिखते हैं, वहीं भारत के दक्षिणी राज्यों ने इस विषय पर बढ़त हासिल की हुई है वो अपनी जनसंख्या रोकने में कामयाब हुए हैं।

उन्होंने कहा, “कई सारे राज्य विशेषकर राजस्थान और मध्य प्रदेश, जो हमसे आबादी में कहीं कमतर हैं, ने भी इस प्रकार की योजनाओं को लागू किया हुआ है जो ज्यादा बच्चों को जन्म देने को हतोत्साहित करती हैं। इन दोनों राज्यों में जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं, उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है, हम भी इस नियम को अपनाने के पक्षधर हैं।”

मीडिया में चल रहीं खबरों के अनुसार यूपी सरकार राज्य में हो रहे जनसंख्या विस्फोट को थामने के लिए दो कदम उठा सकती है- पहला, दो से ज्यादा बच्चों वाले दम्पत्तियों को राज्य सरकार की वेलफेयर स्कीम्स से बाहर किया जा सकता है, और दूसरा ऐसे दम्पत्तियों को राज्य की नौकरियों से भी वंचित किया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी में कुल प्रजनन दर 3 है, जो कि भारत की औसत कुल प्रजनन दर 2.3 के मुकाबले काफी ऊँची मानी जाती है। कुल प्रजनन दर (टोटल फर्टिलिटी रेट-टीएफआर) किसी महिला के प्रजनन समयकाल यानी 15 वर्ष से 49 वर्ष के दौरान उसके द्वारा बच्चों को जन्म देने की संभावित संख्या है। उच्च टीएफआर वाले देश के 145 जिलों में से अकेले यूपी के 40% जिले शामिल हैं।

यूपी सरकार ने राज्य के लिए 2015 तक औसत प्रजनन दर लक्ष्य को 2.1 तक लाना तय किया था, किन्तु इस लक्ष्य को केवल राज्य के नगरीय क्षेत्रों के संदर्भ में प्राप्त किया जा सका जबकि ग्रामीण क्षेत्र इस लक्ष्य से कहीं दूर ठिठके नजर आते हैं। इस बार की नीति में मुख्यतः ग्रामीण इलाकों पर ध्यान केंद्रित किये जाने की संभावना हैं। यूपी की वर्तमान आबादी लगभग 22 करोड़ है जो प्रत्येक दस वर्ष में 20% की गति से बढ़ रही है।

जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत को प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने अगस्त 15, 2020 को दिए भाषण में रेखांकित किया था। स्वतन्त्रता दिवस पर लाल किले से भाषण देते वक्त मोदी ने समाज का एक छोटा हिस्सा जो अपने परिवार को छोटा रखता है, वह देशभक्त है, जिसे सम्मान की नजरों से देखे जाने की जरूरत है। 19 फरवरी को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत पर बल देते हुए कहा था कि बढ़ती बेरोजगारी का संबंध बढ़ती जनसंख्या से है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ईंट-पत्थर, लाठी-डंडे, ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे… नेपाल में रामनवमी की शोभा यात्रा पर मुस्लिम भीड़ का हमला, मंदिर में घुस कर बच्चे के सिर पर...

मजहर आलम दर्जनों मुस्लिमों को ले कर खड़ा था। उसने हिन्दू संगठनों की रैली को रोक दिया और आगे न ले जाने की चेतावनी दी। पुलिस ने भी दिया उसका ही साथ।

‘भारत बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है, नई चुनौतियों के लिए तैयार’: मोदी सरकार के लाए कानूनों पर खुश हुए CJI चंद्रचूड़, कहा...

CJI ने कहा कि इन तीनों कानूनों का संसद के माध्यम से अस्तित्व में आना इसका स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है, हमारा देश आगे बढ़ रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe