कुछ लोग गलत भावनाओं के तहत अफवाहें फैलाकर राम मंदिर निर्माण में बाधा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। भूमि खरीद सौदे के सभी डॉक्युमेंट्स की अच्छे तरीके से जाँच की गई है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष एक गैर जरूरी मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है। राम मंदिर के निर्माण में बाधाएँ पैदा करने के लिए कई राजनीतिक दल घटिया राजनीति कर रहे हैं।
अंसारी को जमीन का मालिकाना मिलने के बाद मंदिर ट्रस्ट और अंसारी के बीच बिक्री समझौता हुआ। अंसारी ने जमीन को 18.5 करोड़ रुपए में ट्रस्ट को बेचने की सहमति जताई।
पारदर्शिता के विषय में चंपत राय ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र का प्रथम दिवस से ही निर्णय रहा है कि सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में ही किए जाएँगे, सम्बन्धित भूमि की क्रय प्रक्रिया में भी इसी निर्णय का पालन हुआ है।
राम मंदिर की अहमियत नए मंदिर से नहीं, बल्कि पाँच सौ साल पहले टूटे मंदिर से समझिए, जब हमारे पूर्वज ग्लानि से डूबे होंगे। आपका सहयोग, उनको तर्पण देने जैसा है।