यौन शोषण के ज्यादातर मामले मौलवियों के खौफ में दबा दिए जाते हैं। जो मामले सामने आते हैं उनमें भी पीड़िताओं के साथ नुसरत जैसी घटना अंजाम दी जाती है। आखिर क्यों कभी धर्म तो कभी तुष्टिकरण के नाम पर आरोपी मौलवियों के कुकर्म धुल जाते हैं?
छापेमारी से पहले परवेज लड़की के अपने घर में होने की बात से इनकार कर रहा था। लेकिन जब पुलिस ने जाँच की तो लड़की चारपाई के नीचे से मिली। कोर्ट ने पादरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
गवाह ने कहा उसे रेप पीड़िता और गायत्री प्रजापति से जान का खतरा है। उसे लगातार जान से मारने की कोशिश की जा रही हैं। लखनऊ की एक गाड़ी हमेशा उसके पीछे लगी रहती है, जिस कारण वह घर से बाहर भी नहीं निकल पाती।
फर्जी नारीवाद को दो पल के लिए कोने में रखकर एक बार इस पर गौर कीजिए कि हम कथित तौर पर महिला सुरक्षा और महिला अधिकारों के नाम पर क्या गंदगी फैला रहे हैं। हम अभिव्यक्ति की आजादी का प्रयोग कौन सी दिशा में कर रहे हैं? पूछिए एक बार खुद से क्या वाकई प्रेम में अलग होने के बाद आपसी संबंध बलात्कार हो जाते हैं?
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि वादा करना और किन्हीं परिस्थितियों में उसे नहीं निभा पाना वादा कर धोखा देना नहीं है। कोर्ट ने कहा, " झूठे वादे कर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने में और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने में फर्क है।
14 अगस्त को आलम ने महिला को मिलने के लिए बुलाया और अपने तीन साथियों जैदुल इस्लाम, जैनल अबेदिन और अफिदुल हक के साथ मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। महिला को मुँह बंद रखने की धमकी भी दी।
जब कासिम जहाँगीर बन्दूक दिखाकर बलात्कार करता था, उसी वक़्त जहाँगीर की पत्नी किरण वीडियो बनाती रहती थी। इसके बाद पीड़िता को वीडियो और तस्वीरों के नाम पर ब्लैकमेल किया जाता था।
2017 में गोवा की अदालत से आरोप तय हो जाने के बाद तेजपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ किया था। हाई कोर्ट ने भी आरोप खारिज करने की उनकी याचिका नामंजूर कर दी थी।
11वीं-12वीं शताब्दी के मंदिर में कुतुबुद्दीन ने लड़की को किसी बहाने बुलाया। फिर नशीली दवा खिलाई और कई बार बलात्कार किया। मंदिर की देखरेख करने वाले 2 लोगों ने रंगेहाथ कुतुबुद्दीन को पकड़ लिया और सबूत के तौर पर इसकी रिकॉर्डिंग भी की।
पीड़ित के अनुसार, "15-वर्षीय आरोपित लड़का मुझे एक कमरे में ले गया। वहाँ पहले मेरे साथ मारपीट की, और बाद में बलात्कार किया।" इस घटना की FIR तब कराई गई जब दिल्ली के रहने वाले छठी कक्षा के पीड़ित छात्र ने अपने माँ-बाप को इस बारे में बताया।