इससे धर्मान्तरण में लिप्त एनजीओ व उनके कार्यकर्ताओं को तगड़ा झटका लगा है। साथ ही सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाले एनजीओ व उनके सदस्यों को भी एफआरसीए रजिस्ट्रेशन नहीं प्राप्त होगा। इससे उन्हें विदेश से फंड या चंदा नहीं मिल सकेगा।
आरोपित मुस्लिम युवक के पिता का कहना है कि दोनों का निकाह हो चुका है जबकि पीड़िता ने इनकार किया। पुलिस ने आरोपित युवक के परिवार से कहा है कि अगर दोनों का निकाह हुआ है तो वे उससे सम्बंधित दस्तावेज पेश करें।
तस्वीरें सामने आने के बाद लोग डेरेक पर हिंदुओं को गुमराह कर के उनका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा रहे हैं और इस वजह से डेरेक के इस रूप का विरोध किया जा रहा है। कई ईसाइयों ने ट्विटर पर बिशप की ऐसी गतिविधियों को लेकर उन्हें चेतावनी दी, कुछ ने इसे ईशनिंदा भी करार दिया।
"लड़की और हसन के परिवारों ने एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें उन्होंने मामले को आपस में सुलझाने की बात कही है। लड़की के परिवार ने हसन और उसके परिवार के सदस्य एवं मित्रों के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं, इसलिए उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द हो गई है।"
तीन सितंबर को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो हिंदू लड़की को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया था। इससे पहले एक सिख युवती को उसके घर से गुंडों ने उठा लिया था। धर्म परिवर्तन करवा कर उसकी शादी आतंकी हाफ़िज़ सईद के संगठन से जुड़े युवक से करवा दी थी।
पिता राजेश कुमार ने बताया है कि वह सनातन धर्म को मानने वाले व्यक्ति हैं और उनकी बेटी को सलमान सुहेल ने धर्मपरिवर्तन करके मुस्लिम युवक से शादी करने के लिए अगवा कर लिया है। अब बच्ची भी किसी डर से उसी के पक्ष में बात कर रही है।
शादी के बाद कामरान दिल्ली चला गया, पूजा सिंदरी में ही रहने लगी। इसके बाद शुरू हुआ खेल! कामरान के पिता अली अहमद खान ने पूजा को ताने देना शुरू कर दिया कि हिंदू रीति-रिवाज़ न माने। जेठानी साज़िया ख़ान ने कहा कि वो अपनी नौटंकी (पूजा-पाठ) बंद करे।
पीड़िता से जबरन इस्लाम क़बूल करवाकर उसका निक़ाह हाफ़िज़ सईद के आतंकी संगठन के जमात-उद-दावा के मोहम्मद हसन से करवा दिया था। इस घटना से आहत सिख समुदाय ने पाकिस्तान में सिख परिवारों की सुरक्षा की माँग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया है।
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को अगवा कर इस्लाम कबूल करवाने का सिलसिला पुराना है। ऐसे ज्यादातर मामलों में पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती। इसके कारण आबादी 15 साल में घटकर 8 हजार हो गई है।