विश्वेन्द्र सिंह द्वारा जैसे ही गहलोत खेमे से समझौते की खबर आई, उनके घर में भी कलह शुरू हो गई। बेटे के हमले के बाद उन्हें पायलट से मुलाकात करनी पड़ी। गहलोत कैम्प भी सक्रिय हो गया है और दंड-भेद से विधायकों को तोड़ा जा रहा है।
पंजाब में कलह सुलझाने में कॉन्ग्रेस आलाकमान के माथे पर बल पड़े हुए हैं, तभी इधर ठीक 1 साल बाद राजस्थान में पायलट खेमा मुखर है। छत्तीसगढ़ में सीएम बघेल के ढाई साल पूरे हो गए हैं और टीएस सिंह देव को लेकर चर्चा जोरों पर है।