Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिगहलोत पर फिर संकट: सचिन पायलट शांत हुए तो निर्दलीय, BSP से आए 19...

गहलोत पर फिर संकट: सचिन पायलट शांत हुए तो निर्दलीय, BSP से आए 19 MLA बागी, माँग रहे सरकार बचाने का इनाम

अब 13 निर्दलीय और बसपा छोड़कर कॉन्ग्रेस में आए 6 विधायक सरकार बचाने के लिए सीएम गहलोत से इनाम माँग रहे हैं। इन सभी 19 विधायकों का कहना है कि जब सचिन पायलट गुट ने बगावत की थी और सरकार गिरने वाली थी, तब इन्होंने ही सरकार को समर्थन देकर बचाए रखा। अब उन्हें इसका इनाम मिलना चाहिए।

राजस्थान में बीते कुछ दिनों से जारी सियासी घमासान में हर दिन नया ट्विस्ट देखने को मिल रहा है। नाराज सचिन पायलट को मनाने के बाद बुधवार (23 जून 2021) को सीएम अशो​क गहलोत के समर्थन को लेकर होने वाली बैठक में नया मोड़ आ गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब 13 निर्दलीय और बसपा छोड़कर कॉन्ग्रेस में आए 6 विधायक सरकार बचाने के लिए सीएम गहलोत से इनाम माँग रहे हैं। इन सभी 19 विधायकों का कहना है कि जब सचिन पायलट गुट ने बगावत की थी और सरकार गिरने वाली थी, तब इन्होंने ही सरकार को समर्थन देकर बचाए रखा। अब उन्हें इसका इनाम मिलना चाहिए।

निर्दलीय विधायकों में से एक रामकेश मीणा ने सचिन पायलट गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के कहने पर पायलट की बगावत की योजना तैयार हुई थी। उन्होंने कहा कि पायलट जितने दिन राजस्थान में रहेंगे उतना ही कॉन्ग्रेस को नुकसान होगा। मुख्यमंत्री बनने के लिए पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए षड्यंत्र रच कर अपनी ही सरकार को गिराने का प्रयास किया, यह देश में पहला उदाहरण है। राजस्थान की जनता ऐसे उद्दंड को पसंद नहीं करेगी।

राजस्थान में 13 में से 12 निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा, रमीला खड़िया, सुरेश टंक, खुशवीर सिंह, महादेव सिंह खंडेला, ओम प्रकाश हुडला, रामकुमार गौर, कांति चंद मीणा, लक्ष्मण मीणा, आलोक बेनीवाल, बाबूलाल नगर ने आज शाम को जयपुर के एक होटल में बैठक बुलाई।

निर्दलीय विधायकों ने इस बैठक में सरकार से ग्राम सेवकों और पटवारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन में सुधार करने और अनुबंधित श्रमिकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करने की माँग की। विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि सीएम गहलोत को कोरोना से निपटने के लिए बधाई देते हैं और उनके नेतृत्व में अपना विश्वास दोहराते हैं।

निर्दलीय विधायक लोढ़ा ने आगे कहा कि कैबिनेट का विस्तार कब और किसे शामिल किया जाए, यह तय करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। यह राज्य के लोगों के हित में नहीं है कि वे दबाव बनाएँ और इसके लिए समय सीमा (कैबिनेट विस्तार) की माँग करें।

बता दें कि राजस्थान में साल 2018 में हुए चुनाव में कॉन्ग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद बसपा विधायकों के साथ मिलकर अशोक गहलोत ने सरकार बनाई थी। हालाँकि, साल 2020 में सचिन पायलट ग्रुप के बागी होने पर 18 विधायक टूटने की कगार पर थे, जिससे सरकार पर संकट आ गया था। इस दौरान राजस्थान के 13 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन का ऐलान कर गहलोत की सरकार को गिरने से बचाया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -