हसन फास्ट ट्रैक कोर्ट में अपनी जमानत कराने के लिए पहुॅंचे। कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत को भी खारिज करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश के बाद पहुॅंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया और मुजफ्फरनगर की जेल भेज दिया।
अबरार अहमद वही सपा नेता हैं, जिन्होंने अपनी ही पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्षा को सेक्स रैकेट चलाने वाली बताया था। उनका कहना था कि उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्षा को सपा में शामिल कराकर बड़ी भूल की।
दिवाकर ने 2015 में मीनू से प्रेम विवाह किया था। दोनों की एक बेटी भी है। दिवाकर को मीनू के चरित्र पर शक था। इसके कारण दोनों के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती थी। मंगलवार को बहस के बाद दिवाकर ने मीनू की हत्या कर दी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर को ही जमकर हड़काया। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को सरेआम धमकाते, डाँटते और बदसलूकी से बात करते नज़र आ रहे हैं।
सपा सांसद के रामपुर स्थित आवास पर पुलिस ने दबिश दी। नहीं मिलने पर कुर्की के नोटिस चिपका दिए। रिक्शे पर माइक रखकर बकायदा ऐलान किया गया कि आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला अदालत में हाजिर हों।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। अखिलेश मारे गए मो. वकील अहमद के परिजनों से मिलने पहुँचे और संवेदना व्यक्त की।
संभल में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने उग्र होते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। इस मामले में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, एसपी जिलाध्यक्ष फ़िरोज़ ख़ान, स्थानीय पार्षद के पति हाजी मोहम्मद शकील और मुशील ख़ान समेत 17 को नामज़द करते हुए...
अपने ट्वीट में अपर्णा यादव ने जामिया मिलिया, NRC बिल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और 16 दिसंबर के हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए लिखा, “जो भारत का है उसे रजिस्टर में अंकित होने में क्या समस्या है?”
अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से 2017 में चुनाव जीते थे। नवाब काज़िम ने हाई कोर्ट में उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि 25 साल से कम उम्र होने के कारण अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।
आफाक़ ख़ान के ख़िलाफ़ IPC की धारा-342 (ग़लत तरीके से कारावास), 376 (बलात्कार), 500 (मानहानि की सज़ा) और 508 (जो किसी व्यक्ति को ऐसा कार्य करने के लिए कहता है जिसके लिए वो व्यक्ति क़ानूनी रूप से बाध्य नहीं है) के तहत मामला दर्ज किया गया है।