कॉन्ग्रेस के सभी विधायक जयपुर में एक रिसॉर्ट में रुके हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेतागण वहीं पर नव-निर्वाचित विधायकों के साथ लगातार मंत्रणा कर रहे हैं। अभी उद्धव ठाकरे कॉन्ग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वो आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि यदि शिवसेना को हमारा समर्थन चाहिए तो उसे बीजेपी के साथ सारे रिश्ते तोड़ने का ऐलान करना होगा। और अब अरविंद सावंत के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे के ऐलान के साथ ही यह साफ हो गया है कि शिवसेना ने एनडीए छोड़ने का मन बना लिया है।
एनसीपी ने कहा है कि यदि शिवसेना को हमारा समर्थन चाहिए तो उसे बीजेपी के साथ सारे रिश्ते तोड़ने होंगे। उसे एनडीए से बाहर आना होगा। मोदी कैबिनेट में शामिल उसके नेताओं को इस्तीफा देना होगा।
कॉन्ग्रेस विधायकों ने सर्वसम्मति से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला किया है। इसको लेकर कॉन्ग्रेस पार्टी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) को एक पत्र प्रस्तुत करने की योजना बना रही है। राजस्थान में कॉन्ग्रेस की मीटिंग में...
आ रही मीडिया खबरों के मुताबिक राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के चलते सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा है।
फडणवीस ने परिणाम आने के बाद आए उद्धव ठाकरे के बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण कहा। उन्होंने लिखा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए बहुत विकल्प खुले हैं। ये हमारे लिए हैरान करने वाला था क्योंकि लोगों ने अपना मत गठबंधन को दिया था।
शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि वो महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिल चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया के रामदास अठावले भी राज्यपाल से मिल चुके हैं। अगर अब बीजेपी नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा करने जा रहे हैं, तो उन्हें सरकार बनानी चाहिए।
इससे पहले शरद पवार के बयान से शिवसेना को झटका लगा था। पवार ने साफ़ कर दिया था कि भाजपा और शिवसेना को ही जनादेश मिला है और उन्हें ही सरकार बनाना है। साथ ही एनसीपी सुप्रीमो ने विपक्ष में बैठने की घोषणा कर दी।