कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए बनाए गए इस फंड को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) से मुक्त करने के बाद अब विदेशों से दान के लिए खोला गया है। अब विदेशों से दान करने वाले लोग सीधे पीएम केयर्स पोर्टल से दान की रसीदें डाउनलोड कर सकते हैं। केंद्र ने सोनिया गाँधी की माँग को ठुकरा दिया है।
सरकारी और सार्वजनिक कंपनियों और संस्थाओं द्वारा किसी प्रिंट, टीवी या ऑनलाइन किसी भी प्रकार के एडवर्टाइजमेंट को प्रतिबंधित करने की सलाह की एनबीए ने निंदा की है। उसने कहा कि मीडिया के लोग इस परिस्थिति में भी जीवन संकट में डाल कर जनता के लिए काम कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
"PMNRF के विपरीत, पीएम केयर्स में ट्रस्टियों की जिम्मेदारी परिभाषित की गई है। PMNRF में सलाहकार बोर्ड का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें ट्रस्ट के सदस्यों के रूप में प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि और फिक्की का चुना गया उद्योग प्रतिनिधि हैं।"
यदि वह बिल कानून बन जाता तो आज ताहिर हुसैन पुलिस के शिकंजे में नहीं होता। उलटा दिवंगत आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा के परिवार पर ही कार्रवाई हो रही होती। फ़ारूक़ फैसल गिरफ़्तार नहीं होता, उलटा प्राचीन हनुमान मंदिर की रक्षा के लिए जान हथेली पर रखने वाले हिन्दू ही जेल में होते।
आज सदन में कोरोना वायरस पर चर्चा के दौरान हनुमान बेनीवाल ने कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को सोनिया गाँधी के 'इटली कनेक्शन' से जोड़ते हुए कहा- इस बात की जाँच होनी चाहिए कि क्या सोनिया गाँधी के घर से कोरोना वायरस फैला है?
जावड़ेकर ने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी हिंसा समाप्त हो रही है, लोग जख्मी हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं और अभी जाँच की शुरुआत हुई है। ऐसे में सभी पार्टियों का कर्तव्य होता है कि शांति स्थापित हो, सरकार पर दोषारोपण करना बहुत गन्दी राजनीति है।
डोनाल्ड ट्रम्प के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज के लिए राष्ट्रपति भवन में अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद को बुलाया गया। लेकिन अधीर रंजन को गुस्सा इस बात से आया कि उन्हें तो बुलाया पर उनकी मैडम सोनिया जी को क्यों नहीं बुलाया!