टोंक जिले में मालपुरा कस्बा हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहाँ कहा जाता है कि हर साल 2 या 3 बार हिंदू मुस्लिम आबादी आपस में भिड़ते हैं। जिसके चलते कई बार यहाँ दंगे भी हो चुके हैं।
इसी रेल खंड पर फ़रवरी 2019 में जब 'वन्दे भारत' का ट्रायल किया जा रहा था तो उस पर भी पत्थर फेंके गए थे। उस घटना में ट्रेन का साइड विंडो क्षतिग्रस्त हो गया था। मार्च में दोबारा यूपी के बदायूँ में इस ट्रेन पर पत्थरबाजी हुई थी।
लेफ्टिनेंट जेनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया कि 6 अगस्त को पत्थरबाजों ने असरार खान को निशाना बनाया था। आज अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मौत के बाद श्रीनगर के कुछ इलाके में माहौल तनावपूर्ण है। एहतियात के तौर पर इलाके में फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इस वीडियो में शफी खुद बताते नजर आ रहे हैं कि उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में उन्हें पत्थरबाजों ने मारा था न कि उन्हें कोई गोली लगी थी। उन्होंने बताया कि खिड़की के छेद से किसी ने उन पर पत्थर फेंका और इस समय वह अस्पताल में भर्ती हैं।
जम्मू-कश्मीर के अधिकांश लोग आर्टिकल 370 हटाए जाने की सराहना कर रहे हैं। लेकिन घाटी में मौजूद कुछ अराजक तत्व लगातार माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इन पर नकेल कसने के लिए सुरक्षा बल लगातार प्रयासरत है।
कृष्ण जन्माष्टमी पर परंपरा स्वरूप कृष्ण की झाँकी निकाले जाने की तैयारी थी, लेकिन जुमे की नमाज़ के चलते झाँकी का समय दोपहर 3 बजे रखा गया। इसके बावजूद 3 बजे जैसे ही झाँकी गाँव के चौराहै पर पहुँची, तो दूसरे समुदाय ने...
घटना इस्लामनगर क्षेत्र के बदायूं-बिसौली रोड पर हुई। यहाँ काँवड़िए अपनी ट्राली के साथ ईदगाह की तरफ़ से गुजर रहे थे कि तभी नमाज के दौरान ट्रॉली को निकाले जाने और ट्रैक्टर पर डीजे बजाने पर उपद्रवियों द्वारा पथराव कर दिया गया।
श्रीनगर के हाजी बाग कैंप, सोम्यार मंदिर, इस्लामियां कॉलेज, छोटा बाजार समेत 9 इलाकों में अराजक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की गई है। जबकि कुछ अन्य इलाकों में लोगों के सड़कों पर उतर आने और पाबंदियों का विरोध करते हुए प्रदर्शन किए गए।
सेना के मुताबिक 83% स्थानीय आतंकियों का पत्थरबाजी का ही इतिहास होता है। इसलिए, अगर वो आज वो अपने बच्चों को नहीं नहीं रोकते तो साल भीतर उन्हें मरना पड़ेगा।
काँवड़ियों की सुरक्षा में आए पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पर लगे स्टार को नोचने का प्रयास किया गया। पुलिस वालों के साथ गाली-गलौच की गई, उन्हें डंडा लेकर दौड़ाया गया। लेकिन पुलिस ने अपनी समझदारी से तकरीबन 500 से भी ज्यादा महिला और बच्चियों को निकालकर सुरक्षित पहुँचाया।