Sunday, November 24, 2024

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जिस शिला पर विवेकानंद ने किया था चिंतन, वहाँ स्मारक का विरोध कर रहे थे ईसाई: कॉन्ग्रेसी मंत्री हुमायूँ कबीर को भी नहीं आया...

"यदि क़ुतुब मीनार का भी स्थानांतरण करना हो तो एक व्यक्ति है जो ये काम कर सकता है और वह हैं एकनाथ रानाडे।" - जानिए ऐसा क्यों कहने लगे थे लोग।

…जब सुभाष चन्द्र बोस भटकने लगे थे तो स्वामी विवेकानंद के कारण ही रास्ते पर लौटे, तभी हुआ था क्रांति का उदय

"स्वामी विवेकानंद ने कभी कोई राजनीतिक संदेश नहीं दिया, लेकिन उनके संपर्क में आने वालों में देशभक्ति और राजनीतिक मानसिकता की भावना विकसित हुई।"

…जब स्वामी विवेकानंद खुद अफ्रीका जाकर वहाँ काम करना चाहते थे: अफ्रीकी दिवस पर विश्व बंधुत्व और भविष्य की कल्पना

स्वामी विवेकानंद के भाषणों/विचारों ने कई अफ्रीकी नेताओं के लिए नीतियाँ बनाने, अपने नागरिकों को एक साथ लाने का मार्ग प्रशस्त किया।

स्वामी विवेकानंद से मिलने जब पैदल ही चल पड़े थे महात्मा गाँधी… देशभक्ति में हजार गुणा वृद्धि का दिया था श्रेय

''स्वामी विवेकानंद के कार्यों को पढ़ने के बाद, देश के लिए मेरी देशभक्ति में हजार गुणा वृद्धि हुई।'' - महात्मा गाँधी ने यह तब कहा था जब...

हाथ में कमंडल, जेब में एक भी पैसा नहीं… सवारी डिब्बे में स्वामी विवेकानंद के साथ बाल गंगाधर तिलक की ऐसे हुई थी मुलाकात

बाल गंगाधर तिलक से स्वामी विवेकानंद की पहली भेट बम्बई से पुणे जाते समय यात्री डिब्बे में हुई थी। विवेकानंद के पास बिलकुल भी पैसे नहीं थे और...

ईसाई को हिन्दू या बौद्ध नहीं बनना, इसी प्रकार हिन्दू या बौद्ध को ईसाई नहीं: स्वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसकी चर्चा कम

स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में विश्व शांति के लिए दो महत्वपूर्ण आवश्यकताओं पर जोर दिया था - भाईचारा और सार्वभौमिक स्वीकृति; और...

वैश्विक समृद्धि के कोड लिख रहा भारत, हमारे पास युवा डेमोग्राफी व डेमोक्रेसी दोनों की असीम ताकत: 25वें युवा महोत्सव के शुभारंभ पर PM...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पुडुचेरी में 25 वें युवा महोत्सव का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्धाटन किया।

सभी धर्मों, उत्पीड़ितों और शरणार्थियों वाला स्वामी विवेकानंद का संदेश… अफगानिस्तान और US दोनों पर लागू

आज हमें विवेकानंद के 128 वर्ष पूर्व दिए उस संदेश को याद करने की आवश्यकता है, जो संसार को सहिष्णुता तथा सार्वभौम स्वीकृति की शिक्षा देता है।

‘लोगों की मदद के लिए मठ की ज़मीन भी बेच देंगे’: महामारी का वो दौर जब स्वामी विवेकानंद ने की थी लोगों की मदद

इस दौर में हमें मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से मजबूत करने के लिए कुछ ऐसा चाहिए जिसे हम इन परिस्थितयों से जोड़ कर भी देख सके और वह हमें हर रूप से मजबूत भी करे।

क्या स्वामी विवेकानंद ने गीता फेंक कर फुटबॉल खेलने की बात कही थी?

स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि 'गीता पढ़ने से बेहतर है कि फुटबॉल खेलो'। उनका युवाओं से किया गया यह विशेष आह्वान अक्सर विवाद और चर्चा का विषय रहता है।

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