हरिद्वार में चल रहे कुंभ की दुर्भावनापूर्ण इरादे के साथ सोशल मीडिया पर सेक्युलरों ने कुंभ तुलना निजामुद्दीन मरकज़ के तबलीगी जमात से की है। जबकि दोनों ही घटनाओं में मूलभूत अंतर है।
सीजेआई ने लगभग एक महीने से अधिक समय से कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 'किसान आंदोलन' में निजामुद्दीन मरकज़ के तबलीगी जमात जैसी स्थित पैदा हो सकती है।
सोशल मीडिया में एक तस्वीर धड़ल्ले से इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि पुणे में कोरोना से हिंदू डॉक्टर की मौत के बाद संप्रदाय विशेष के लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया।