आतंकवादी सैनिकों की वर्दी में थे। उन्होंने ड्राइवर से बस रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने बस नहीं रोकी। वह तेज़ी से निकला और निकटतम पुलिस चौकी को सूचना दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया।
चाहे वो मोदी हों, मर्कल हों, मैक्राँ हों, जॉनसन हो या कोई वैसा राष्ट्र जो यह नहीं चाहता कि उसके किसी एयरपोर्ट पर, चर्च में, सड़क पर, पार्क में, मंदिर पर या बस-ट्रेन में बम फूटे, छुरा चले, ट्रकों से लोगों को रौंदा जाए, तो सबसे पहला काम तो वो यह करें कि एक स्वर में इस मुसीबत को उसके पूरे नाम से स्वीकारें कि हाँ, कट्टरपंथी आतंकवाद ने इन सारे देशों में दहशत फैलाई है, जानें ली है, परिवारों को तोड़ा है।
अफ़ग़ानिस्तान में 28 सितम्बर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और अधिकतर रैलियों में अशरफ गनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही जनसभाओं को सम्बोधित किया है। लेकिन, इस बार उन्होंने ख़ुद रैली स्थल पर मौजूद थे।
4 साल पहले नवम्बर के महीने में इस्लामिक आतंकी हमला झेलकर फ्रांस ने 40 साल पहले मक्का की मस्जिद बचाने, और इसके अलावा अयातोल्ला खोमैनी को शरण देने की कीमत चुकाई थी।
“हमें जानकारी मिली है कि भारत के दक्षिणी हिस्से में आतंकी हमला हो सकता है। सर क्रीक से कुछ लावारिस बोट बरामद की गई हैं। हम आतंकी और विरोधी तत्वों की हर नापाक कोशिशों को नाकाम करने के लिए सावधानी बरत रहे हैं।”
दोनों मृतक मुस्लिम गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। आतंकियों ने इन दोनों को मारने से पहले उनके साथ काफ़ी दरिंदगी की। उनकी लाशें क्षत-विक्षत अवस्था में मिलीं। उनके दोनों हाथ बँधे हुए थे। आतंकियों ने मंज़ूर और क़ादिर को 20 अगस्त को अपहृत कर लिया था।
अमेरिका 12 घंटे के भीतर दो-दो भीषण हमलों से दहल उठा है। इस बार ओहायो राज्य के डेटन शहर में संदिग्ध बंदूकधारी ने हमला कर 9 लोगों को मार डाला है, और 16 अन्य को घायल कर दिया है। हमलवार को...