नसीम के एक और साथी के बारे में पता चला है, जो फरार बताया जा रहा है। नसीम ने बताया कि वो कुलदेवी को भेंड़ की बलि देता है और काली माता को मदिरा चढ़ाता है। उसने बताया कि उसकी माँ और बीवी हिन्दू हैं।
वो सभी मजहबी बैठकों में भाग ले रहे थे। बिजनौर पुलिस ने वीजा नियमों का हवाला देते हुए बताया कि कोई भी विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा लेकर मजहबी गतिविधियाँ संचालित नहीं कर सकता। इस सम्बन्ध में मस्जिद प्रशासन से भी रिपोर्ट माँगी गई है।
नागपुर से भी सैयद आसिम अली नामक आरोपित को गिरफ़्तार किया गया है। सैयद ने एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उसने कमलेश तिवारी की हत्या को जायज ठहराया था क्योंकि 'उन्होंने पैगम्बर मुहम्मद का अपमान किया है।' वह हत्यारों से लगातार संपर्क में था।
हत्या के 24 घंटों के भीतर ही यूपी पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिनके नाम मोहसिन शेख, फैजान और राशिद अहमद पठान हैं। गुजरात एटीएस के संपर्क में भी यूपी पुलिस है।
कमलेश के 2015 में दिए एक बयान के चलते कई इस्लामिक संगठन उन्हें टारगेट कर रहे थे। माना भी यही जा रहा है कि कमलेश की हत्याके पीछे पैगम्बर पर उनके बयान से भड़के उन तमाम कट्टरपंथियों का हाथ है जो खुले-आम तिवारी का सर कलम करने की बात कर रहे थे।
मथुरा पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन करने के बाद फेक न्यूज़ का खंडन करते हुए फैलाए जा रहे वीडियो से सम्बंधित घटना के बारे में अपने ट्वीट में बताया कि वीडियो दरअसल 28 अगस्त 2019 की एक घटना से सम्बंधित है जिसमें.......