राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने अर्बन नक्सली गौतम नवलखा से सईद गुलाम नबी फई से लिंक को लेकर पूछताछ की। फई कुख्यात अपराधी और संयुक्त राज्य अमेरिका में आईएसआई का एजेंट है।
मुनव्वर राना ने जिस 'माँ' पर लिखे शेर पर जिंदगीभर वाह-वाही लूटी, वास्तव में वो मशहूर लेखक कवि आलोक श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई 'अम्मा' कविता से चुराई गईं हैं।
अप्रैल, 2020 को किए गए एक ट्वीट में 'कॉमरेड' अरुण नाम्बियार ने लिखा है- "तो ट्रम्प के अपनी पैंट की चेन खोलते ही भारत माता अपने घुटनों पर झुक गई?" यह ट्वीट अरुण नाम्बियार ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की माँग करने के बाद किया है।
चार्जशीट में यह भी कहा गया था कि एल्गर परिषद हिंसा आरोपितों द्वारा सरकार को उखाड़ फेंकने और भीमा कोरेगाँव में झड़पों के माध्यम से लोगों को उकसाने, उपद्रव करने, भड़काने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए कैडर की भर्ती करने समेत अवैध कार्य करना उनकी साज़िश का हिस्सा थे।
"इस देश की अदालतें यूँ ही आतंकवादियों के लिए रात को नहीं खुल जातीं। यूँ ही दंगाइयों के अधिकारों के लिए खड़ी नहीं होती। ज्यूडिशियरी में #UrbanNaxals घुसे पड़े हैं। महाराष्ट्र के पूर्व न्यायाधीश को सुनिए- कैसे मुस्लिमों को भड़का रहे हैं- 20 करोड़ हो, पुलिस से मत डरो, लड़ कर मरो।"
केंद्र सरकार ने पिछले महीने इसकी जाँच पुणे पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को सौंप दी। अब बॉम्बे HC ने एल्गार परिषद केस में कथित नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। नवलखा और तेलतुंबडे पर माओवादियों से सम्पर्क रखने के आरोप हैं।
सोशल मीडिया पर वामपंथी गिरोह के लोगों द्वारा रिपब्लिक टीवी को केंद्र सरकार का गुणगान करने वाले चैनल के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। ऐसे में इस चैनल के रिपोर्टर को देखकर जेएनयू प्रदर्शनकारी के द्वारा माँ की गाली देना वामपंथियों के विरोध से ज्यादा मोदी व हिंदू घृणा दर्शाती है।
"...लेकिन 5 मिनट के अंदर ही ऐसा लगा कि हॉस्टल के शीशे टूट रहे हैं, मैं लॉबी में गया, देखा नकाबपोश लोग हाथों में लोहे का रॉड तथा डंडे लिए पेरियार हॉस्टल के हरेक कमरे में घुसते चले जा रहे हैं, और डंडों से बेतरतीब प्रहार करके दरवाजे और खिड़कियों को तोड़ रहे हैं।"