चिदंबर और शिवकुमार की गिरफ्तारियों का हवाला देते हुए रावत ने कहा कि अगर उनके बुढ़ापे में जेल जाने से उनकी पार्टी को फायदा होता है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। हरीश रावत उत्तराखंड कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मनमोहन सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी थे।
उत्तराखंड के बहुचर्चित विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग मामले में सीबीआई की तरफ से हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। इसमें कहा गया है कि प्रारंभिक जाँच पूरी हो चुकी है और अब वो हरीश रावत के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहती है।
उत्तरकाशी में शनिवार की रात को अराकोट, माकुड़ी और टिकोची में बादल फटा था। इसके चलते आसपास के गाँवों में भारी बारिश से तबाही मच गई थी। तभी से NDRF की टीमों के अलावा सेना के हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी में राहत और बचाव अभियान में मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही SDRF की टीम मौक़े पर पहुँच गई है और घायल बच्चों को नजदीकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे में 5 बच्चों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। अस्पताल में घायल बच्चों को हर संभव इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है।
श्रीदेव सुमन के व्यक्तित्व में कई महापुरुषों की झलक थी। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। रियासत के खिलाफ श्रीदेव सुमन के विरोध में यदि भगत सिंह का जूनून नजर आता था, तो दूसरी ओर वे महात्मा गाँधी के विचारों से भी प्रभावित थे। सुमन एक श्रेष्ठ लेखक और साहित्यकार भी थे।
गुलशनजहाँ को जब तीसरी बेटी पैदा हुई, तो बौखलाए ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। फिर 20 जुलाई को उसके शौहर ने तीन तलाक देकर उससे सारे संबंध खत्म करते हुए दूधमुँही बच्ची के साथ घर से निकाल दिया।
अगर मंत्री किसी प्रशंसक को मजाक में ही सुबह बोलते हैं कि आप दिल्ली आ जाइए चाय पीने, तो लोग शाम तक सच में दिल्ली उनके कार्यालय पहुँच जाते हैं। कई प्रशंसक तो मंत्री से मिलने के लिए पास बनवाने के लिए यह संदेशा भिजवाते हैं कि उन्होंने बचपन में मंत्री के साथ पढ़ाई की है और उनके मित्र हैं, इसलिए मिलना चाहते हैं।
घटना के बाद से गुरुग्राम के उद्योग विहार फेज-1, डुंडाहेड़ा थाने में उत्तराखंड के कई लोग मौजूद हैं। हँगामा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। लोगों का आरोप है कि तीनों लड़कों पर जानलेवा हमला किया गया है और पुलिस इस मामले को एक्सीडेंट का केस बताकर टालने का प्रयास कर रही है।
"हालिया वायरल वीडियो में उन्होंने जिस तरह की हरकतें की हैं, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उनकी इन्हीं हरकतों का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व से उनके निष्कासन की सिफारिश की गई थी।"
पिछले 22 दिनों से पिथौरागढ़ महाविद्यालय के छात्र पुस्तकों और शिक्षकों के लिए सड़क पर हैं। पोस्टर और बैनरों की मदद से अपनी बातें पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। आम लोगों के जेहन में ये बात पहुँचाने की कोशिश की जा रही है कि एक आवाज बनकर ही बदलाव लाया जा सकता है।