"ज्ञानवापी मस्जिद पहले भगवान शिव का मंदिर था जिसे मुगल आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर मस्जिद बना दिया था, इसलिए हम हिंदुओं को उनके धार्मिक आस्था एवं राग भोग, पूजा-पाठ, दर्शन, परिक्रमा, इतिहास, अधिकारों को संरक्षित करने हेतु अनुमति दी जाए।"
पीएम ने बीएचयू में एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। 430 बेड वाला ये अस्पताल 21 महीनों में बन कर तैयार हुआ है। सीएए और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसलों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
लम्बे समय से स्थगन का शिकार ज्ञानवापी मस्जिद मामला कोर्ट में कानूनी लड़ाई के लिए वापस आ गया है। वामपंथियों को सूजन होने के आसार क्योंकि दूसरे पक्ष की याचिका हुई खारिज।
"ज्ञानवापी में सतयुग से ही भगवान विश्वेश्वर विराजमान हैं, एएसआई के सर्वे के बाद इस मामले में सच्चाई समाने आ जाएगी। परिसर के मालिक भी भगवान विश्वेश्वर ही हैं। एक मंडप को तोड़ कर औरंगज़ेब ने मस्जिद खड़ी कर दी थी।"
साल 2017 में पहली बार कराची जाने के समय राशिद को अपनी कजन से प्यार हो गया और साल 2018 में जब दूसरी बार वो कराची गया तो उसकी मुलाकात ISI एजेंटों से हुई। जिसके बाद उसने बतौर एजेंट काम कर शुरू किया।
BHU के कुलपति राकेश भटनागर JNU के पूर्व प्रोफ़ेसर हैं। छात्रों ने आरोप लगाया है कि वीसी हिन्दी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। यहाँ तक कि भर्ती प्रक्रिया में वह अपने JNU के छात्रों को वरीयता दे रहे हैं। उन पर BHU का कुलपति रहते हुए अधिकांश नियुक्तियों में JNU, वामपंथ और अँग्रेजी को वरीयता देने जैसे कई गंभीर आरोप छात्रों ने पहले भी लगाए हैं।
काशी विद्वत परिषद के रामनारायण द्विवेदी ने ऑपइंडिया को बताया कि परिषद की बैठक में ये प्रस्ताव रखा गया था कि सुबह की आरती और दर्शन के समय जो लोग शिवलिंग का स्पर्श दर्शन करना चाहते हैं या फिर स्पर्श कर के पूजन करना चाहते हैं, उनके लिए ड्रेस कोड तय किए जाएँ।
इस दौरान कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं और मीडिया को दूर रखा गया, जिसका कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे उन्हें प्रियंका से मिलने नहीं दे रहे। नाराज कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए और...
आज़मगढ़ में उपद्रव करने वाले 11 लोगों को चिह्नित कर धर-दबोचा गया। जमीयत-उल-अशरफिया के छात्रों ने उपद्रव किया था, जिसके बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की। पुलिस सोशल मीडिया पर भी पैनी नज़र रख रही है। सांसदों-विधायकों तक को भी पुलिस उठा कर ले गई।
"जब जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए और उसके बाद देश के अन्य शिक्षण संस्थानों को अस्थिर और देशद्रोह के विष से व्याप्त करने की कोशिश की गई तब BHU के छात्रों ने तय किया कि एक ऐसा छात्र समूह बनाया जाए जो कि शिक्षण संस्थानो में जेहादी, नक्सली और देशद्रोही प्रवृत्ति का विरोध हर स्तर पर कर सके।"