ईसाई जनजातीय समुदाय के लोगों ने न सिर्फ मैतेई समाज के लोगों के घरों पर पत्थरबाजी की, हथियारबंद होकर हमले किए। मैतेई समाज के लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
मुख्तार के डर से पुलिस वाले पानी में घुस-घुसकर सूअरों को पकड़ते थे। ईद से पहले सब सूअरों को पकड़कर बंद कर दिया जाता था। पत्रकारों की पिटाई होती थी। सांसद हाथ जोड़ते थे।
पश्चिम बंगाल के पूर्वी दिनाजपुर में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के बाद उग्र ग्रामीणों ने पुलिस की पिटाई की। ममता बनर्जी ने बिहारियों को दिया दोष।