"यहाँ की जमीन हमारी है, हवा हमारी है, पानी हमारा है, तो कैसे कहा जा सकता है कि मुसलमान यहाँ का नहीं है। मैं अच्छे से जानती हूँ कि भारत को आजादी कैसे मिली? RSS तो बिका हुआ था। आज आजादी का फायदा मोदी-शाह उठा रहे हैं।"
जामिया हिंसा के विडियो में से एक चेहरा पहचान (सूत्रों के अनुसार) लिया गया है। जिस शख्स का चेहरा वायरल हुआ है, उसका नाम मो. अशरफ भट है। यह जामिया में PhD का स्टूटेंड है। लेकिन फिलहाल गायब है। ऑनलाइन-ऑफलाइन, कहीं भी इसकी कोई जानकारी नहीं है।
शाहनवाज, जिसका ट्विटर हैंडल ‘shanu_sab’ ने दावा किया कि इनमें से एक महिला कंचन यादव है। उसका कहना था कि ये औरतें बुर्का पहनकर अक्सर डांस करती रहती हैं।
उन्होंने कहा- मैं मर जाऊँ तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना। वे बोले- उठा शमशीर, दिखा अपना हुनर, क्या लेगा, ये रही जान, ये गर्दन है, ये सर, क्या लेगा...एक ही शेर उड़ा देगा परखच्चे तेरे, तू समझता है ये शायर है, कर क्या लेगा।
"ये सब अल्लाह कर रहे हैं। कुदरती रूप से सारा सामान सुबह एक जगह पर रखा मिलता है और हम सिर्फ़ उसे उठाकर बाँटने का काम करते हैं। हम अल्लाह के बंदे हैं। हमें इंसान ने पैदा नहीं किया।"
एक यूजर ने लिखा, "बेचारा नवाब बन रहा था। पूरी नवाबी एक फोटो अपलोड होने से निकाल गई।" कुछ ने इसे सीएए और एनआसी से जोड़कर चुटकी ली और पूछा कि अगर खान साहब कागज़ नहीं दिखाएँगे तो कितने का जुर्माना लगेगा।
"हम तुम्हें असली तस्वीर दिखाएँगे। इंशाल्लाह। हिंदुस्तान के झंडे तिरंगे में मौजूद तीन अलग-अलग रंग हैं। जो देश में अलग-अलग धर्मों (हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई) को दर्शाता है। उसमें से ये लोग मुस्लिम को निकालने के चक्कर में हैं। लेकिन, जरा अमित शाह, मोदी, योगी नीचे झाँक कर देखें....."
कॉन्ग्रेस नेता विक्रांत चव्हाण। विवादों से पुराना नाता। 2015 में एक बिल्डर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित। कुछ समय जेल में। इसके बाद 3 पार्षदों, नेताओं और बिल्डरों का नेक्सस बनाने का आरोपित। अघोषित संपत्ति के कारण इनके घर पर पड़ चुकी है रेड। लेकिन कॉन्ग्रेस ने फिर भी टिकट दिया।
इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर एबीवीपी की ओर से हमले में घायल हुए शिवम की कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं। इनमें दावा किया गया कि वामपंथी गुंडों द्वारा किए गए हमले में शिवम के सिर पर, गले पर चोटें आई हैं।
ईसाई मिशनरी भोले-भाले लोगों को प्रलोभन दे रहा था और अपने मजहब की श्रेष्ठता का बखान कर रहा था। तभी वहाँ पहुँचे बौद्ध भिक्षु सुमनरत्ना ने उसे ऐसा चाटा मारा कि उसका चश्मा ज़मीन पर जा गिरा और वो व्यक्ति लड़खड़ाते हुए कुछ क़दम पीछे जा खड़ा हुआ।