“भले ही आप लोग 90% से ऊपर होंगे किन्तु विधायक असलम जी डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी के पवित्र स्थल पर कोई दुस्साहस मत कर बैठना। जनता ने आपको विकास व सुरक्षा के लिए चुना है, धौंस, धमकी या दंगे के लिए नहीं।”
आसिया का कहना है कि उसके पति को कहीं छुपा दिया गया है और उसका मोबाइल बंद कर दिया गया है। जब वह अपने पति के परिवार के घर गई, तो उसे शिहाब ने हत्या की धमकी दी थी।
"शुभम बाहर निकल आज तुझे नहीं छोड़ेगें! वह लोग उन्हें पिस्टल दिखाने लगे। उन्होंने हालात बिगड़ता देख थाना प्रभारी को फोन किया और कहा, "सर प्लीज बचाइए। अब हम लोग नहीं बचेंगे।"
ये सभी दलित और वाल्मीकि समुदाय के युवक थे, जिन्होंने भीम आर्मी जैसे संगठनों और फर्जी नारा देने वालों के बहकावे में आकर हिन्दू धर्म से विमुख होना शुरू कर दिया था।