Friday, April 19, 2024
Homeराजनीतिबजरंग दल को बदनाम करने की कोशिशों पर VHP ने राहुल गाँधी को लताड़ा,...

बजरंग दल को बदनाम करने की कोशिशों पर VHP ने राहुल गाँधी को लताड़ा, WSJ के प्रोपेगेंडा को दे रहे थे हवा

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि राहुल गाँधी ने WSJ की रिपोर्ट में लगाए झूठे आरोपों का हवाला देकर अपनी सोच जगजाहिर कर दी है। विहिप के सचिव मिलिंद परंदे ने कहा कि राहुल गाँधी हमेशा से ही देश विरोधी तत्वों जैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग, सीएए विरोधी उपद्रवी, पाकिस्तान और चीन समर्थक तत्वों के समर्थन में मुखर रहे हैं।

वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट का हवाला देकर बजरंग दल को बदनाम करने का प्रयास करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार (18 दिसंबर 2020) को कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की तीखी आलोचना की है। WSJ की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आंतरिक मूल्यांकन में प्रतिबंध लगाने की वकालत के बावजूद फेसबुक ने हिंदू राष्ट्रवादी समूह पर कोई कार्रवाई नहीं की।

राहुल गाँधी ने WSJ की रिपोर्ट साझा करते हुए ट्वीट किया, “फेसबुक अमेरिका कहता है कि बजरंग दल की विषयवस्तु आपत्तिजनक है और उस पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए। फेसबुक इंडिया ने हमारे संसदीय पैनल से कहा कि बजरंग दल की विषयवस्तु आपत्तिजनक नहीं है। क्या फेसबुक भारत और भारतीय संसद से झूठ बोल रहा है?”   

राहुल गाँधी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

परिषद का राहुल गाँधी पर हमला, पूछे भारत विरोधी मत पर सवाल 

शुक्रवार को दिए गए बयान में विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि राहुल गाँधी ने WSJ की रिपोर्ट में लगाए झूठे आरोपों का हवाला देकर अपनी सोच जगजाहिर कर दी है। विहिप के सचिव मिलिंद परंदे ने कहा कि राहुल गाँधी हमेशा से ही देश विरोधी तत्वों जैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग, सीएए विरोधी उपद्रवी, पाकिस्तान और चीन समर्थक तत्वों के समर्थन में मुखर रहे हैं। 

विहिप ने दोहराया कि बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी संगठन राहुल गाँधी की आँखों का नासूर बन गए हैं। संगठन ने अपने बयान में कहा, “चीन से उनकी (राहुल गाँधी) घनिष्ठता और संबंध छिपे नहीं हैं। वे एक अमेरिकी समाचार पत्र पर भरोसा कर सकते हैं, लेकिन देशव्यापी युवा राष्ट्रवादी संगठन पर भरोसा नहीं कर सकते हैं।” 

विहिप सचिव मिलिंद परंदे ने कहा कि WSJ को अपनी झूठी रिपोर्टिंग और बजरंग दल को अपमानित करने की आड़ में भारत को निशाना बनाने के लिए माफ़ी माँगनी चाहिए। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स और विकीलीक्स की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पहले बजरंग दल पर पाबंदी लगाने का प्रयास किया था, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हुई थीं।  

विहिप का यह भी कहना था, “फेसबुक ने पहले ही स्पष्ट किया है कि फेसबुक के मंच पर बजरंग दल पर किसी भी तरह का प्रतिबंध लगाने का कोई कारण नहीं है। यह उनकी द्वेषपूर्ण हिन्दू विरोधी मानसिकता दर्शाता है। अब राहुल गाँधी और WSJ को बजरंग दल और हिन्दू समाज से क्षमा माँगनी चाहिए जो वैश्विक आबादी का ⅙ हिस्सा हैं।” 

फेसबुक ने किया था WSJ के दावों को खारिज 

फेसबुक इंडिया हेड अजीत मोहन ने बुधवार को संसदीय पैनल से कहा था कि उन्हें हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन बजरंग दल पर कार्रवाई करने की कोई ठोस वजह नहीं नज़र आती है। इसके पहले रिपोर्ट्स सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि फेसबुक ने बजरंग दल के कई अकाउंट की समीक्षा नहीं की थी। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ बुधवार को यूज़र डाटा पर चर्चा के लिए गठित शशि थरूर की अगुवाई वाली सूचना प्रौद्यागिकी, संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने अजीत मोहन को समन भेजा था। WSJ द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए फेसबुक के अधिकारियों ने पैनल के सामने कहा था, “फेसबुक की फैक्ट चेकिंग टीम को बजरंग दल द्वारा साझा किया गया ऐसा कोई कंटेंट नहीं मिला, जिसमें सोशल मीडिया के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया हो।” फेसबुक इंडिया हेड अजीत मोहन ने WSJ की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि यह ‘तथ्यात्मक रूप से गलत और असत्य है’।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe