"राज्य में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए संघ और भाजपा के लोग केंद्रीय बलों की वर्दी पहनकर आ रहे हैं। मैं केंद्रीय बलों का निरादर नहीं करती हूँ। लेकिन, उन्हें निर्देश दिए जा रहे हैं। मुझे शक है कि भाजपा-संघ के कुछ कार्यकर्ताओं को केंद्रीय बलों की वर्दी पहनाकर बंगाल भेजा जा रहा है।"
आक्रोशित तृणमूल कार्यकर्ताओं ने दिलीप घोष के प्रति नाराज़गी जताते हुए कहा, "जब तक ममता बनर्जी जिंदा है हम दिलीप घोष को यहाँ नहीं घुसने देंगे।" बेलगाम तृणमूल कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने घोष के काफ़िले पर पत्थरबाज़ी भी की और गाड़ियों को नुकसान पहुँचाया।
राज्य के पूर्वी मिदनापुर, भगवानपुर में बीजेपी के दो कार्यकर्ता अनंत गुचैत और रणजीत मैटी को रविवार (मई 12, 2019) की रात गोली मार दी गई। दोनों गंभीर रूप घायल हैं। दोनों कार्यकर्ताओं को जख्मी हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रॉय पर आरोप हैं कि उन्होंने दक्षिण 24 परगना में एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया है। इसके मद्देनजर ही राज्य के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने रॉय के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई है।
सीपीएम कार्यकर्ताओं के इस कार्य के पीछे ममता बनर्जी और तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रति उनकी कट्टर विरोधी सोच है। जहाँ कॉन्ग्रेस बंगाल से लगभग साफ़ हो चुकी है और सीपीएम को लगातार आज़माने के बाद लोगों ने उसे उखाड़ फेंका, ममता विरोधी सीपीएम कैडर को भाजपा की मदद करने में फायदा दिख रहा है।
माँ दुर्गा और भगवान श्रीराम के भक्तों को अलग-अलग देखते हुए क्षेत्र और श्रद्धा के नाम पर उन्हें लड़ने की कोशिश में लगे नंदी क्या यह नहीं जानते कि बंगाली रामायण के लेखक ने दुर्गा पूजा को बंगाल के घर-घर तक पहुँचाया? कृत्तिवासी ओझा के बारे में नहीं पता?
“मैं भाजपा के नारों में विश्वास नहीं रखती। पैसा मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता, मगर जब पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल आकर कहते हैं कि टीएमसी लुटेरों से भरी पड़ी है तो मुझे उन्हें थप्पड़ मारने का मन हुआ।”
सेनगुप्ता ने कहा कि उस जगह से हिंसा की ख़बरें आई थीं, जिसका पता लगाने वो लोग वहाँ गए थे लेकिन तभी तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता उग्र हो गए और हमला बोल दिया। बंगाल पुलिस सामने के सामने ही यह सब हुआ लेकिन वो लोग मूकदर्शन बनें रहे।
ऐसा पहली बार नहीं है कि टीएमसी के गुंडों ने खुलेआम अपनी गुंडागर्दी दिखाई हो, इससे पहले इन्हीं हिंसाओं के बारे में सुनने के कारण पिछले चरण में ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार करने का फैसला कर लिया था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Science) के सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि यह IMD के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने इस बड़े संकट से निपटने के लिए इसके महानिदेशक के जे रमेश को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि विभाग ने अन्य मौजूदा मॉडलों के अलावा अपने क्षेत्रीय तूफान मॉडल का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।