बैठक के बाद मर्दों को घर भेज दिया जाता था, महिलाओं को रख लिया जाता था और उनके साथ गलत हरकतें की जाती थीं। 18-40 साल तक की उम्र की महिलाओं को शिकार बनाया जाता था।
लोगों ने 'ममता बनर्जी की तानाशाही नहीं चलेगी', 'पत्रकार को रिहा करो', 'संदेशखाली का सच दिखाते रहेंगे', 'ना डरेंगे, ना झुकेंगे' और 'ममता दीदी, तानाशाही बंद करो' वाले प्लाकार्ड्स ले रखे थे।