पिछले वर्ष केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि देवबंद आतंकवाद का अड्डा बन गया है। इतना ही नहीं हाफिज सईद और बगदादी जैसे आतंकवादी भी देवबंद से शिक्षा लेते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि गुरुकुल से आजतक कोई बच्चा आतंकी नहीं निकला, लेकिन देवबंद से निकले हुए लोग देशभक्त का तो पता नहीं, लेकिन आतंकी जरूर बनते हैं।
बिजली विभाग के लखनऊ में स्थित एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। जहाँ भी बिल पेंडिंग हैं, वहाँ का बिजली कनेक्शन काटा जा रहा है। मायावती का घर भी इसी क्रम में बिजली विभाग की रडार पर आया।
आरिफ और उसके परिवार वाले बोलेरो की मॉंग कर रहे थे। मॉंग पूरी नहीं होने पर आरिफ ने पहले तीन तलाक दे सीमा को घर से निकलने को कहा। इसका विरोध करने पर परिजनों के साथ मिल उसे आग के हवाले कर दिया।
जिला प्रशासन ने AMU से जुड़े 44 छात्रों सहित कुल 58 लोगों की भी पहचान की है, जिनको शहर में शांति भंग करने के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी उनके पते उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
कानपुर डीआईजी ने कहा था धरने का चेहरा बने और उपद्रवियों को पनाह देने के आरोपितों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। मोहम्मद अली पार्क और फूल पार्क में धरने को बाहर से लोग आकर समर्थन देने के साथ धरने पर बैठे लोगों को उकसा भी रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में बिजली के बकाया भुगतानों और नई योजनाओं को बताने के लिए मंदिर और मस्जिद में लगे लाउड स्पीकर्स का उपयोग किया जाएगा। किसानों के लिए आसान किस्तों में ट्यूबवेल योजना के अलावा चल रही अन्य स्कीमों के बारे में जानकारी देने के लिए...
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशियों की पहचान ढाका के नादौर सिंगरा निवासी मामून शेख, मिलन शेख, मुकुल शेख, मोनू वैध, सीजर शेख, असलम शेख, पालन शेख के रूप में हुई है। इसके साथ ही इनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल सातों बांग्लादेशियों को जेल भेज दिया गया है।
सैनी समुदाय के सोनू ने बताया कि दो युवक 60-65 की स्पीड से बाइक से आ रहे थे। इस पर जब उन्होंने टोका कि बाइक धीरे चलाओ तो उन्होंने गाली गलौज करना शुरू कर दिया और फिर वह यह कहकर चले गए कि वापस आ रहे हैं। फिर वो लोग फायरिंग करते हुए आए और...
मृतकों की पहचान कानपुर निवासी अतीक (50), पत्नी सायरा (40), बेटी आयशा (12), बेटा अफरोज (8), फैशल (18 माह) के रूप में हुई। इसके अलावा दो अन्य मृतकों की पहचान पहलवान और मामा के रूप में हुई।
पीड़िता दलित नाबालिग लड़की उन दरिंदों को "भैया आप मुझे जानते हो, अल्लाह के लिए छोड़ दो” कह-कहकर गिड़गिड़ा रही थी। मगर फिर भी दरिंदों को रहम नहीं आया। वह रोती, चीखती, चिल्लाती रही और आदिल, नजिक जैसे दरिंदे उसकी चीख को फिल्माते रहे।