दंगाइयों से सख्ती दिखाने के लिए एक वर्ग यूपी पुलिस को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा रचने में लगा है। इस बीच रायबरेली से ऐसी तस्वीरें सामने आई है जो बताती है कि आगजनी करने वालों से नरमी नहीं दिखाने वाली यही पुलिस आग में फॅंसे लोगों के लिए जान पर खेल जाती है।
देश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी रविवार को मीडिया से बातचीच में कह चुके हैं कि हिंसा में शामिल लोग प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के हैं
पंकज ने खुद को गौरी तिवारी का बेटा बता तहसीलदार को झॉंसा देने की कोशिश की। लेकिन, एक पुलिसकर्मी ने कहा- साहब यह भी पत्थरबाजी कर रहा था। इसे मैंने खुद देखा है। इसके बाद कथित पंकज ने मुॅंह खोला तो उसका भेद भी खुल गया।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इन ज़िंदा व इस्तेमाल की गई कारतूसों की बरामदगी 'शांतिपूर्ण ढंग से कर रहे विरोधियों’ से हुई है। ऐसे में यह सवाल एकाएक ही उठ जाता है कि दंगाइयों का अगर यह ‘शांतिपूर्ण ढंग से किया गया विरोध-प्रदर्शन है, तो फिर अशांतिपूर्ण तरीक़ा क्या होगा?
राणा अयूब को यूपी पुलिस ने फटकार लगाई है। पुलिस ने अयूब को एक 'जिम्मेदार रिपोर्टर' की परिभाषा समझाते हुए कहा कि वो अपने बयान की पुष्टि के लिए सबूत पेश करें। जैसा कि अपेक्षित था, राणा अयूब के पास अपने झूठे बयान की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं था।
CAA ख़िलाफ़ हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाज़ी और बवाल काटने के मामले में 5000 से ज्यादा पर मुक़दमा दर्ज किया गया है। पूर्व विधायक ज़ाकिर अली, सभासद सलाउद्दीन, सपा नेता रिज़वान सैफी, आरिफ़ के नाम भी शामिल हैं।
यतीमखाना में दंगा भड़काने के आरोप में सुन्नी उलमा काउन्सिल के महामंत्री हाजी सलीस समेत 14 लोगों को नामजद किया गया है। हाजी सलीस SIMI से भी जुड़ा रहा है। जाँच में सामने आया है कि उपद्रव करने वालों में तमाम लोग AIMIM से जुड़े हैं।
“भारी पथराव और फायरिंग के बीच मुझे हिंसक भीड़ को रोकना था। इसी दौरान एक गोली मेरे सीने की तरफ आई। बुलेटप्रूफ जैकेट तो इससे मुझे नहीं बचा पाई। लेकिन मेरा पर्स जिसमें मैंने भगवान शिव की तस्वीर रखी थी ने बचा लिया।”
सीएम ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने का ऐलान किया था। इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने 50 दुकानों को सील कर दिया है।
सोशल मीडिया पर भी यूपी पुलिस ने कड़ी निगरानी बनाई हुई है। 14,101 आपत्तिजनक पोस्टों से संबंधित लोगों पर कार्रवाई की गई है। 63 एफआईआर दर्ज कर 102 को गिरफ्तार किया गया है।