Thursday, November 14, 2024

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काशी विश्वनाथ मंदिर

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज, अयोध्या के बाद काशी का केस खुला

"ज्ञानवापी में सतयुग से ही भगवान विश्वेश्वर विराजमान हैं, एएसआई के सर्वे के बाद इस मामले में सच्चाई समाने आ जाएगी। परिसर के मालिक भी भगवान विश्वेश्वर ही हैं। एक मंडप को तोड़ कर औरंगज़ेब ने मस्जिद खड़ी कर दी थी।"

काशी विश्वनाथ मंदिर में फिलहाल कोई ड्रेस कोड नहीं लागू: प्रशासन ने किया खंडन

काशी विद्वत परिषद के रामनारायण द्विवेदी ने ऑपइंडिया को बताया कि परिषद की बैठक में ये प्रस्ताव रखा गया था कि सुबह की आरती और दर्शन के समय जो लोग शिवलिंग का स्पर्श दर्शन करना चाहते हैं या फिर स्पर्श कर के पूजन करना चाहते हैं, उनके लिए ड्रेस कोड तय किए जाएँ।

काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद पर स्टे खत्म, 9 जनवरी से सुनवाई शुरू: रिपोर्ट्स

1991 के प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप एक्ट के हिसाब से भी इस स्थल का 15 अगस्त, 1947 को मूल स्वरूप हिन्दू मंदिर ही था। इस धार्मिक स्वरूप की तस्दीक करने और ऐतिहासिक परिस्थितियों के साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वेक्षण कराया जाना जरूरी है।

अब मथुरा-काशी की बारी: बोले सुब्रह्मण्यम स्वामी, जमीन अधिग्रहित करे सरकार

स्वामी ने कहा कि देश में बहुत से मंदिर तोड़े गए। अयोध्या, काशी, मथुरा के बदले हिंदू बाकी जगह भूलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि काशी और मथुरा में मंदिर की जगह को मुक्त कराने की दिशा में सरकार को तेजी से कदम बढ़ाना चाहिए।

जब वामपंथियों और कॉन्ग्रेसियों ने महामना के BHU संविधान को मोलेस्ट कर ‘सेक्युलर’ बनाया

जब मुस्लिम और ईसाई एक तरफ अल्पसंख्यक होने के नाम पर अपना मजहब और उसकी शुद्धता बनाए रखेंगे और दूसरी तरफ भजन, गीत, संगीत के आभूषणों के साथ संस्कृत भाषा सीखकर आपके हिन्दू धर्म, सनातन मूल्यों, वैदिक साहित्य और अनुष्ठानों की अपने तरह की व्याख्या करेंगे। तब आप सर्वधर्म समभाव का झुनझुना बजाते रहिएगा।

अयोध्या, प्रयाग, काशी, मथुरा: ‘हिन्दू पद पादशाही’ के लिए मराठों की संघर्ष गाथा

राजनीतिक और सैन्य कारणों से मराठे पवित्र स्थलों को वापिस पाने का सपना पूरा नहीं कर पाए। लेकिन भरसक प्रयासों में कोई कोताही नहीं बरती। आज यह याद करना ज़रूरी है कि हमारे पूर्वजों ने धन, प्राण, शक्ति समेत कितनी कुर्बानियाँ दी।

काशी विश्वनाथ धाम, ‘घर की लक्ष्मी’, स्थानीय खरीदारी पर जोर सहित PM मोदी ने दीवाली से पहले दिया यह सन्देश

मोदी ने वाराणसी के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए स्थानीय दुकानदारों के सामानों को प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने हरेक को अपने आसपास रहने वाली बालिकाओं को सम्मानित करने की बात कही, इसे उन्होंने भारत की लक्ष्मी कहा।

चुनाव जीतने के बाद काशी में PM मोदी करेंगे 501 कमल से महादेव की पूजा

ख़बर है कि प्रधानमंत्री मोदी का बनारस में भव्य स्वागत किया जाएगा। उनका यह ऐतिहासिक स्वागत एक सांसद के रूप में नहीं बल्कि एक महानायक के रूप में किया जाएगा। पीएम मोदी 28 मई को विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट आने के बाद जनता का आभार व्यक्त करने सड़कों पर निकलेंगे।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 40 प्राचीन मंदिरों को मिलेगा भव्य स्वरुप, आस्था और आधुनिकता का अनूठा संगम

1780 ई के बाद, वाराणसी शहर सबसे बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में, शहर का भव्यतम निर्माण कार्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के रूप में परिवर्तन की आधुनिक लहर से गुजर रहा है।

दिव्य काशी की भव्यता बढ़ाने का एक अनूठा प्रयास विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर

2014 के लोकसभा चुनाव में, भाजपा ने अपने घोषणापत्र में इस प्राचीन शहर के कायाकल्प का वादा किया था। तब से, पीएम मोदी ने शहर में 19 बार वहाँ चल रहे विकास और उत्थान के कार्यों का निरीक्षण कर चुके हैं।

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