"राहुल गाँधी किसानों से झूठ बोलकर उन्हें बरगलाने का काम कर रहे हैं। आज जो किसानों पर झूठे घड़ियाली आँसू बहा रहे हैं, उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उनके (राहुल के) जीजा जी तमाम किसानों की जमीन हड़प कर बैठे हुए हैं।"
ममता बनर्जी ने मामले में खुद को घिरता देख पलटवार किया है। हालाँकि, इस दौरान भी उन्होंने राज्य में पीएम किसान सम्मान निधि योजना को नहीं लागू करने को लेकर कोई बात नहीं कही।
"पश्चिम बंगाल सरकार के अलावा सभी राज्यों की सरकारें पीएम सम्मान निधि योजना का हिस्सा बन चुकी हैं। जो किसानों के हमदर्द बनकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उन्हें जनता भविष्य में सबक सिखाएगी।"
यदि कोई पुलिसकर्मी ऐसे प्रयासों के दौरान चोटिल हो जाए तो जिम्मेदार किसे माना जाएगा? क्या इस तरह कोई प्रदर्शन हो रहा है? भारत में पुलिस की जान की कोई कीमत नहीं है क्या?
इन कानूनों का धरातल पर उतरने के बाद ही उनका विश्लेषण किया जा सकता है। उससे पहले, केंद्र और राज्यों के संबंधों को कमजोर करना अथवा संसद द्वारा पारित कानूनों को फाड़ना कोई लोकतांत्रिक अधिकार नही बल्कि अराजकता है।