सीबीआई ने इस अभियान के तहत तृणमूल युवा कॉन्ग्रेस महासचिव विनय मिश्रा के ठिकाने पर भी छापा मारा। विनय मिश्रा काफी समय से फ़रार चल रहे हैं जिसकी वजह से सीबीआई ने उनके विरुद्ध लुकआउट नोटिस भी जारी किया है।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार, ये लोग जंगलों में बेसहारा घूम रहे गोवंशों को पकड़कर उन्हें नशीला इंजेक्शन लगाकर उन्हें काटते थे और उनके अवशेषों को जंगलो में फेंककर माँस को मेरठ में बेचते थे। इनकी पुलिस को पिछले काफी समय से तलाश थी।
भारी संख्या में मामले दर्ज होने के बावजूद किसी को दोषी इसलिए नहीं करार दिया जा पाता है क्योंकि माँस के बीफ़ होने का पता उसके सड़ने के पहले ही लगाया जा सकता है।
दिल्ली जैसे राज्यों में अंग्रेजों के दौर से ही गाय पालने पर पाबंदियाँ हैं। आस-पड़ोस के राज्यों से जब पशु घटे और खेत में पुआल जलने लगा तो धुआं दिल्ली तक भी पहुँचने लगा। अब साँस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो परेशानी की जड़ में भी जाने की सोचिएगा कामरेड।
देश में मवेशियों के व्यापार पर प्रभावी रोक ने इस अवैध व्यापार को प्रभावित किया है। फिर भी, भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी का यह दुष्चक्र बीएसएफ के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसका कोई अंत नहीं है।
तुम्हारी लड़ाई वो 49 लोग क्यों लड़ेंगे जिनका अजेंडा ही तुम्हारी सरकार को कमजोर करना है। उनके पास लिखने और बोलने का सामर्थ्य है, क्या तुम्हारे पास वो सामर्थ्य नहीं? अगर है तो वो दिखता क्यों नहीं?
गोपाल को किसी ने सूचना दी थी कि कुछ लोग गाय की तस्करी कर रहे हैं। जिसके बाद अपनी बाइक लेकर निहत्थे ही वे गायों को बचाने के लिए तस्करों का पीछा करने लगे। रास्ते का रोड़ा बनता देख गो तस्करों ने उन्हें गोली मार दी........
गौ तस्कर नुरैन को पकड़ कर जब पुलिस जाने लगी तो महिलाओं समेत सैकड़ों की संख्या में इकट्ठी भीड़ ने पुलिस को घेर लिया। पुलिस पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला करने लगे। मौका पाकर कुछ युवक नुरैन को ले भागे और पीछे दौड़ते चौकी प्रभारी पर गोलियाँ भी चलाईं।