Monday, September 16, 2024
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‘बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी में 5 गुना कमी’: BSF ने माना – बॉर्डर के गाँवों में डेमोग्राफिक असंतुलन से पैदा हुई समस्या

इस साल इस दौरान पशुओं के 7820 पशुओं को तस्करी से बचाया गया। साथ ही 'Phensydyl' की 25,600 बोतलें, 2936 किलो गाँजा, 48,398 'Yaba' टेबलेट्स, और 3.98 लाख रुपयों की नकली भारतीय मुद्रा भी जब्त की गई।

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जानकारी दी है कि असम के गुवाहाटी फ्रंटियर क्षेत्र में पशु तस्करी में 5 गुना कमी आई है। बुधवार (1 दिसंबर, 2021) को सुरक्षा बल के 57वें ‘रेजिंग डे’ के मौके पर इंस्पेक्टर जनरल संजय सिंह गहलोत ने कहा कि पशु तस्करी को नियंत्रित करने में में पिछले एक साल में काफी प्रभावी सफलता मिली है। खासकर, बांग्लादेश से लगने वाली उत्तर-पूर्वी राज्य असम की सीमा पर पशु तस्करी में भारी कमी आई है। BSF ने बताया कि असम पुलिस की मदद से ये संभव हुआ है।

बता दें कि गुवाहाटी फ्रंटियर की स्थापना 1 अक्टूबर, 2011 को हुआ था। इसके बाद इसे 509 किलोमीटर की बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी इसे सौंपी गई, जो असम और पश्चिम बंगाल से लगती है। इसके पास 11 BSF बटालियन और 1 वॉटर विंग भी है। इसके अलावा इसके पास 80 विभिन्न प्रकार के वॉटरक्राफ्ट्स हैं। इन्हें सेक्टर मुख्यालयों के 142 BOPs के अंतर्गत तैनात किया गया है। 1 जनवरी, 2021 से लेकर अब तक इस सीमा पर 10.67 करोड़ रुपए की अवैध वस्तुएँ जब्त की गई हैं।

इस दौरान पशुओं के 7820 पशुओं को तस्करी से बचाया गया। साथ ही ‘Phensydyl’ की 25,600 बोतलें, 2936 किलो गाँजा, 48,398 ‘Yaba’ टेबलेट्स, और 3.98 लाख रुपयों की नकली भारतीय मुद्रा भी जब्त की गई। जानने लायक बात ये भी है कि BSF के गुवाहाटी फ्रंटियर ने 124 भारतीय और 110 बांग्लादेशी तस्करों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई। पकड़े गए बांग्लादेशी तस्करों की संख्या कम इसीलिए है क्योंकि वो अक्सर सीमा को पार नहीं करते और अपने भारतीय साथियों के जरिए अपराध को अंजाम देते हैं।

बांग्लादेश और भारत की सीमा के दोनों तरफ सामाजिक-राजनीतिक-धार्मिक परिदृश्य अलग-अलग हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर दोनों तरफ अलग-अलग माहौल है। साथ ही पश्चिम बंगाल का कूच बिहार, असम में डुबरी और सलमारा मांकचर जैसे इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियाँ भी अलग-अलग हैं। हालाँकि, ब्रह्मपुत्र नदी और पेचीदा माहौल के बावजूद BSF ने पशु तस्करी को कम करने में कामयाबी पाई है। ऐसे समय में जब विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं कि BSF के अधिकार क्षेत्र को सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक क्यों बढ़ाया गया, ये आँकड़े आईने की तरह हैं।

BSF के डायरेक्टर जनरल पंकज कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि पश्चिम बंगाल और असम में डेमोग्राफिक बैलेंस सही नहीं है, इसीलिए ये समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि कई कारणों से इन सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफिक बदलाव हुए हैं और इस कारण उन क्षेत्रों में अक्सर अशांति बनी रहती है। विरोध प्रदर्शन होते हैं और दंगे होते हैं। उन्होंने कहा कि BSF को 15 की जगह 50 किलोमीटर का अधिकार क्षेत्र देने से सरकार को लगा कि घुसपैठ में कमी आएगी।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गाँवों में डेमोग्राफिक बदलाव हुए हैं, ऐसा BSF के सर्वे में भी पता चला है। उन्होंने कहा कि BSF के सामानांतर बल की तरह काम नहीं कर रही है, बल्कि जाँच करने और चार्जशीट दायर करने का अधिकार पुलिस के पास बना रहेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस का इससे हाथ मजबूत ही होगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को देखते हुए भी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। हालाँकि, विपक्षी दल लगातार इस कदम का विरोध कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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