2014 के अगस्त में जब चीन में 398 लोगों की जान लेने वाला भूकंप आया था, इसरो ने भी CARTOSAT से ली हुई तस्वीरें चीन की एक्टिवेशन रिक्वेस्ट के बाद भेजी थीं।
जम्मू कश्मीर पर UN की बैठक बुलाने वाला चीन हॉन्गकॉन्ग पर UN की रिपोर्ट को ग़लत बताता है। लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को आतंकी बताता है। उन्हें अपनी सेना का धौंस दिखा रहा है। जबकि हॉन्गकॉन्ग की 71% जनता चीनी कहलाने में गर्व महसूस नहीं करती।
एक उइगर छात्र मिस्र पढ़ाई करने गया। एक दिन उस छात्र अब्दुल मलिक अब्दुल अजीज को मिस्र की पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया, आँखों पर पट्टी बाँध दी। लेकिन जब उसकी आँखों पर से पट्टी हटाई गई तो वह चीनी अधिकारियों की हिरासत में था।
"इस बैठक में कश्मीर मसले पर विचारों का आदान-प्रदान होगा। जिसमें आधिकारिक रूप से किसी की बात का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाएगा और न ही उन बातों का कोई रिकॉर्ड रखा जाएगा। साथ ही इस बैठक में हुई कोई बातचीत सार्वजनिक नहीं की जाएगी, क्योंकि..."
चीन चाहता है कि इस अनौपचारिक चर्चा में पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी द्वारा यूएनएसी अध्यक्ष जोआना रोनकेका को लिखे पत्र (भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले) के बारे में सभी सदस्यों की राय ली जाए।
तालिबान ने कश्मीर को अफ़ग़ानिस्तान से न जोड़ने की हिदायत दी है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ पक्षों द्वारा कश्मीर को अफ़ग़ानिस्तान से जोड़ कर देखना समस्या को खत्म नहीं करेगा, क्योंकि कश्मीर और अफ़ग़ानिस्तान अलग-अलग मसले हैं।
आँकड़ों के अनुसार, साल 2019 के अप्रैल-जून के दौरान चीन की जीडीपी वृद्धि दर 6.2% रही, जबकि पहली तिमाही में यह 6.4% थी। इससे कम वृद्धि दर 1992 की जनवरी-मार्च तिमाही में दर्ज की गई थी।हालाँकि, जीडीपी के यह आँकड़े पूरे साल के लिए सरकार के छह से 6.5% के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
पाकिस्तान, ईरान और सऊदी अरब जैसे कई इस्लामिक देश ऐसे हैं, जिन्होंने मुस्लिमों पर हो रहे इन कथित अत्याचारों पर चुप्पी साध रखी है। इसकी वजह शायद चीन का इन देशों में भारी निवेश है। चीनी निवेश इन देशों को आर्थिक संकट से उबारने में बहुत महत्वपूर्ण है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि चीन अल्पसंख्यकों की “नैतिक सफाई” कर रहा है। वह दिन दूर नहीं जब चीन अपनी सरजमीं से या तो इस्लाम को पूरी तरह मिटा देगा या उनकी मजहबीं परम्पराओं से लेकर, सभी मजहबी व्यवहार पूरी तरह बदल देगा। जिस तरह से चीन कार्य कर रहा है। उसकी सख्त नीतियों को देखते हुए, ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।