Monday, November 18, 2024

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जवाहरलाल नेहरू

पटेल ही नहीं राजेंद्र प्रसाद, टंडन, करियप्पा, राम… किसी को नहीं चाहते थे नेहरू

जयशंकर ने तो केवल पटेल का नाम लिया है। फेहरिस्त लंबी है जिन्हें नेहरू पसंद नहीं करते थे। कथित इतिहासकार गुहा से लेकर कॉन्ग्रेसी-वामपंथी इन ऐतिहासिक तथ्यों को झुठला नहीं सकते।

पटेल को कैबिनेट में नहीं लेना चाहते थे नेहरू: खुलासे के बाद बिफरे गुहा को विदेश मंत्री ने लताड़ा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फर्जी इतिहासकार रामचंद्र गुहा के इस आरोप का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ विदेश मंत्री ढेर सारी किताबें पढ़ते हैं और प्रोफेसरों के लिए भी ये अच्छी आदत हो सकती है। उन्होंने गुहा को सलाह दी कि वो नारायणी बसु द्वारा लिखित वीपी मेनन की जीवनी पढ़ें।

अंग्रेज को आर्मी चीफ बनाना चाहते थे नेहरू, लेफ्टिनेंट जनरल राठौड़ ने नहीं करने दी मनमानी

भारत के पहले 5 स्टार रैंक जनरल करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 में कर्नाटक में हुआ था। वे भारत के पहले सेना प्रमुख थे।

₹575 करोड़ Pak को और पानी भी: गृहमंत्री और कैबिनेट के खिलाफ जाकर जब नेहरू ने लिया था वो फैसला

उस समय के कैबिनेट मंत्री मोरारजी देसाई ने तो विपक्षी दलों को भी इस संधि के खिलाफ एकसाथ होने की सलाह दे डाली थी। तत्कालीन गृहमंत्री गोविन्द बल्लभ पन्त भी पाकिस्तान को दी जाने वाली इस आर्थिक राशि से नाखुश थे। वो चाहते थे कि इस आर्थिक राशि का उस धन के साथ सामन्जस्य बैठाया जाए, जो हिन्दू शरणार्थी पाकिस्तान में छोड़ कर आ चुके थे।

मध्य प्रदेश में अफसर बनना है तो पढ़ना पड़ेगा नेहरू को, कॉन्ग्रेसी सरकार ने लागू किया नया पाठ्यक्रम

कॉन्ग्रेस चाह कर भी नेहरू-गाँधी से ऊपर नहीं उठ पा रही। स्टेडियम, हॉस्टल, अस्पताल, सरकारी योजनाओं में इनके नाम के राजनीतिक इस्तेमाल के बाद अब जनता पर इनको थोपने की योजना। कमलनाथ सरकार ने MPPSC के परीक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए इसमें भी नेहरू को घुसा दिया।

सत्ता के लिए अधीर कॉन्ग्रेस न मजहब विशेष की चौधरी बन पाई, न नेहरू से निभा पाई

पहले वे जनेऊधारी हिंदू बने। फिर दत्तात्रेय गोत्री। पर जब मौका आया तो कॉन्ग्रेस ने न बहुसंख्यकों की भावना का मान रखा और न देशहित का। तुष्टिकरण के फेर में न वह नेहरू के साथ निभा पाई और न ही उनसे पल्ला छुड़ा पाई।

विभाजन और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक: कॉन्ग्रेस के लिए नेहरू और इतिहास से सीखने का वक्त

आज कॉन्ग्रेस CAA का विरोध कर रही है। इसका कोई आधार नहीं है। जरूरत है उसके नेता इतिहास को समझें। नेहरू मंत्रिमंडल में राहत और पुनर्वास के लिए अलग से मंत्रालय था। मोदी सरकार ने उसी प्रक्रिया का सरलीकरण किया है।

पायल रोहतगी को मिली जमानत, जल्द होंगी जेल से रिहा: नेहरू-गाँधी परिवार पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप

एडीजे कोर्ट ने जेल में बंद अभिनेत्री पायल रोहतगी को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें जमानत दे दी है। कोर्ट ने पायल की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों की बहस के बाद रोहतगी द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए नेहरू-गाँधी परिवार के वीडियो को देखा और इसके बाद अपना फैसला सुनाया।

8 दिन के लिए जेल भेजी गई पायल रोहतगी, लोगों ने पूछा- सावरकर के अपमान पर राहुल गाँधी की गिरफ्तारी कब

पायल को बूॅंदी पुलिस ने रविवार को अहमदाबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। उन पर नेहरू को लेकर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया में 'आई स्टैंड विथ पायल रोहतगी' ट्रेंड करने लगा था।

गुंडों के डर से भागने वाली राजस्थान पुलिस नेहरू पर फास्ट, अहमदाबाद से अभिनेत्री को उठाया

पायल रोहतगी सोशल मीडिया में वीडियो के जरिए अपनी बात रखती रहती हैं। उन पर नेहरू को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ट्रेंड हो रहा है 'आई स्टैंड विथ पायल रोहतगी'।

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