मद्रास हाई कोर्ट ने धर्मांतरण के बाद भी जाति का लाभ देने से इनकार किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा है कि जाति के नाम पर होने वाली रैलियों पर क्यों नहीं स्थायी रोक लगा देनी चाहिए।
काँवड़ यात्रा में जातिवाद, क्षेत्रवाद और लिंगभेद का नामोनिशान तक नहीं। काँवड़ियों ने अपनी पहचान बस 'भोले भक्त' बताई। महिलाओं और साधु-संतों से भी हमने की बात।
महर्षि मनु हर रचनाकार की तरह अपनी मनुस्मृति के माध्यम से जीवित हैं, किंतु दुर्भाग्य से रामायण-महाभारत-पुराण आदि की तरह मनुस्मृति भी बेशुमार प्रक्षेपों का शिकार हुई है।
अपने ही प्रोफेसरों से प्रताड़ित माखनलाल के छात्रों के साथ बीते दिनों पुलिस ने भी जोर-जबर्दस्ती की थी। बावजूद इसके जब ये भोपाल की सड़कों पर निकले तो कोई शोर-शराबा नहीं हुआ। न सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुॅंचाया गया।
जातिगत भेदभाव के आरोपों में घिरे प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार जॉंच पूरी होने तक माखनलाल यूनिवर्सिटी के कैंपस में प्रवेश नहीं कर पाएँगे। लेकिन, उससे पहले छात्रों के साथ जो कुछ हुआ वह हतप्रभ करने वाला था। पीड़ित छात्रों की जुबानी सुनिए उस रात की प्रताड़ना।
कुलपति ने मामले की जाँच के लिए एक कमेटी भी बना दी है, लेकिन छात्र चाहते हैं कि इन दोनों प्रोफ़ेसरों की सेवाएँ तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाएँ। साथ ही छात्रों ने कहा कि उनके विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत अफ़वाहें भी उड़ाई जा रहीं हैं।