Sunday, November 17, 2024

विषय

तीन तलाक कानून

मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक कानून, अब जारी नहीं करेंगे फतवा: दरगाह-ए-आला हज़रत

दरगाह-ए-आला हज़रत के प्रवक्ता ने नए कानून की प्रशंसा करते हुए इसे मुस्लिम महिलाओं के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह कानून तीन तलाक के मामलों को रोकने में मददगार साबित होगा।

तीन तलाक गुनाह: सुप्रीम कोर्ट पहुॅंचा सुन्नी समुदाय का संगठन, नए कानून पर रोक की मॉंग

इस कानून का आम लोगों, खासकर महिलाओं द्वारा स्वागत किया जा रहा है। लेकिन, मजहबी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।

तीन तलाक बिल: राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 19 Sep 2018 से लागू, उसके बाद के सभी मामलों में होगा न्याय

इस बिल को मोदी सरकार ने लोकसभा में 25 जुलाई को और 30 जुलाई मंगलवार को राज्यसभा ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को अपनी स्‍वीकृति दी थी। बिल के क़ानून बनने के बाद ये तय हो गया है कि 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी तीन तलाक़ के मामले सामने आए हैं उन सभी का निपटारा इसी क़ानून के तहत किया जाएगा।

बेटी को जमीन पर पटक शौहर ने दिया तीन तलाक, पीड़िता ने की आत्महत्या की कोशिश

जब पीड़िता पैसे का इंतजाम नहीं कर पाई तो कथित तौर पर शौहर ने बेटी को ज़मीन पर पटक दिया, और पीड़िता को तीन तलाक दे दिया।

56 इंच: तीन तलाक बिल पर राज्यसभा की बाधा मोदी सरकार ने यूँ की पार

यह बिल भाजपा और मोदी का संदेश था- समर्थकों और विरोधियों दोनों के लिए। दोनों को ही समान संदेश- सरकार राज्यसभा में बहुमत में भले न हो, लेकिन जो उसे करना है, जिसे वह उचित समझती है, उसे वह करके रहेगी।

डेरेक ‘नो ब्रेन’: न तो विधेयक पिज़्ज़ा है और न ही संसद चुंगी का अखाड़ा

जब सरकार संवैधानिक दायरे में रह कर, तय तरीके से, तय समय में, वोटिंग के जरिए बिल पास करा रही है तो एक हिस्से को इससे समस्या क्या है? डेरेक की आपत्ति का मूल बेहद खोखला है। उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या किसी तरह का कोई गलत बिल पास हुआ है?

तीन तलाक पर महबूबा पर भड़के उमर अब्दुल्ला, बोले- बिल पास करने में की मोदी सरकार की मदद

इस बिल के पास होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने अपने ही राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि महबूबा मुफ़्ती की पार्टी की गैरमौजूदगी ने राज्यसभा में बिल पास कराने में सरकार की मदद की।

99 Vs 84 मतों से राज्यसभा में पारित हुआ तीन तलाक बिल: 3 साल की सजा, जुर्माने का प्रावधान शामिल

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति दिलाने के मकसद से राज्यसभा में पेश विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसे अपराध की श्रेणी में डालने के प्रावधान पर आपत्ति भी जताई और कहा कि इससे पूरा परिवार प्रभावित होगा।

रिक्शा खरीदने के लिए सास-ससुर ने नहीं दिए ₹40,000, बीवी को दिया तीन तलाक

महिला के मुताबिक ससुरालवाले उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। पति ने रिक्शा खरीदने के लिए 40 हजार रुपए दहेज में लाने को कहा था। पैसा नहीं मिलने पर पति ने जान से मारने की धमकी दी और तीन तलाक देकर उसे घर से निकाल दिया।

लोकसभा में तीन तलाक पर बिल पास, ओवैसी ने कहा- औरतों पर जुल्म है यह कानून

बिल के मुताबिक, मुकदमे का फैसला होने तक बच्चा माँ के संरक्षण में ही रहेगा। आरोपित को उसका भी गुजारा देना होगा। तीन तलाक का अपराध सिर्फ तभी संज्ञेय होगा जब पीड़ित पत्नी या उसके परिवार (मायके या ससुराल) के सदस्य एफआईआर दर्ज कराएँ।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें