दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के बाद अब सीलमपुर इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की बसों में जमकर तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। इसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
मीडिया के कुछ बड़े नाम हैं, जो लदीदा और आयशा को वर्षों से तैयार कर रहे थे। एक 317 लोगों के कातिल याकूब की समर्थक है, दूसरी काफ़िरों के ख़िलाफ़ जिहाद की बात करती है। सूडानी आंदोलन की तर्ज पर इन्हें नायिकाओं की तरह पेश किया गया। जामिया के इस कमाल के स्क्रिप्ट का सूत्रधार कौन?
इससे पहले भी जामिया में हिंसा को लेकर आप का दोहरा रवैया सामने आ चुका है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ट्विटर पर दिल्ली पुलिस पर आग लगाने का इल्जाम लगाया था। वहीं, एक वीडियो में हिंसक भीड़ की अगुवाई करते पार्टी विधायक अमानतुल्लाह नजर आए थे।
छात्रों ने कैमरामैन के साथ भी धक्का-मुक्की की और कहा कि एबीपी न्यूज़ बिका हुआ है, वो कुछ भी सही नहीं दिखा रहा। इससे पहले जामिया के छात्रों ने ज़ी न्यूज़ की पत्रकार के साथ बदतमीजी की थी।
तिहाड़ जेल में बंद निर्भया मामले के चारों दोषियों को इस हफ्ते फॉंसी दी जा सकती है। जल्लादों को वन टाइम मेहनताना मिलता है और यह रकम वह राज्य तय करता है जहॉं फॉंसी देने के लिए वे बुलाए जाते हैं।
सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने बसों में आग लगाई है। लेकिन जो फोटो शेयर की उसमें पुलिस आग बुझाती हुई दिख रही है। जहाँ यह घटना हुई वहाँ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे और आप विधायक अमनतुल्लाह ख़ान भी वहाँ देखे गए थे।
प्रदर्शन के दौरान जहाँ हिंसक घटना हुई, वहाँ AAP विधायक अमानतुल्लाह ख़ान भी मौजूद थे। एक तरफ केजरीवाल ऐसी घटना को अस्वीकार्य बता रहे हैं, दूसरी तरफ उनके MLA पर हिंसक भीड़ की अगुवाई करने के आरोप लग रहे हैं।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आशंका जताई है कि ये दिल्ली में गोधरा दोहराने की साज़िश है। वहीं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने चाहिए और इस तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं है।
"चारों को पहले पीछे की ओर (पीठ की तरफ) दोनों हाथ, फिर रस्सी से दोनों पाँव बाँध दूँगा। चारों को गले में फंदा डालकर खड़ा कर दूँगा। जैसे ही जेलर रुमाल हिलाकर इशारा करेगा, एक साथ चारों ही फंदों के तख्ते का लीवर खींच दूँगा।"
खून से अमित शाह को लिखा खत। कहा- निर्भया केस के गुनहगारों को मेरे हाथों फाँसी होनी चाहिए। इससे देश भर में यह संदेश जाएगा कि एक महिला भी फाँसी दे सकती है।